(फाइल फोटो के साथ)
मुंबई, 12 मई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि सहकारी समिति अधिनियम में बदलाव की सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। साथ ही सहकारी संस्थाओं के कामकाज को मजबूत करने के लिए एक अन्य समिति का भी गठन होगा।
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे रास्ते तलाशेगी जिससे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सहकारी बैंकों को सरकारी खातों का प्रबंधन करने की अनुमति मिल सके।
मुख्यमंत्री ने यहां सार्वजनिक समारोह में कहा, ‘‘ हम मौजूदा सहकारी समिति अधिनियम में बदलाव की सिफारिश करने के लिए समिति गठित करेंगे और मौजूदा सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के तरीकों पर गौर करने एवं राज्य सरकार को सिफारिशें देने के लिए एक अन्य समिति गठित की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 50 प्रतिशत सहकारी समितियां सहकारी आवास समितियां हैं। राज्य सरकार ने उन्हें नियंत्रित करने वाले नियमों में बदलाव व सुधार किए हैं।
फडणवीस ने कहा कि सरकार आवास क्षेत्र में स्व-पुनर्विकास परियोजनाओं का समर्थन कर रही है और स्व-पुनर्विकास के लिए इच्छुक आवास समितियों को विभिन्न प्रकार की रियायतें एवं सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने ऐसी आवासीय समितियों को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से मिलने वाले संभावित सहयोग का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ इससे पहले एनसीडीसी केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही काम करता था। हमने इसमें बदलाव लाने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से इसपर चर्चा की। जब एनसीडीसी को स्व-पुनर्विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए छूट मिल जाएगी, तो इससे समितियों के सदस्यों को एनसीडीसी से रियायती दरों पर वित्त हासिल करने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने महाराष्ट्र के सहकारी मॉडल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने का दावा किया और कहा कि विश्व बैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में राज्य में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया है।
भाषा निहारिका अजय
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