मुंबई, 21 मार्च (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक ऋण व्यवस्था के सामान्य ढंग से काम करने के लिए बाजार में प्रचुर तरलता सुनिश्चित करेगा।
दास ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों को समर्थन देने के लिए आरबीआई भले ही नकदी खींचता रहा है लेकिन बाजार में इतनी तरलता बनाई रखी जाएगी कि अर्थव्यवस्था की उत्पादक जरूरतों को पूरा किया जा सके।
गवर्नर ने कहा, “मैं पूरा जोर देते हुए यह साफ करना चाहूंगा कि आगे भी हम ऋण व्यवस्था के सामान्य ढंग से काम करने के लिए बाजार में प्रचुर नकदी सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा यह भी ध्यान रखा जाएगा कि तरलता की कमी की स्थिति न पैदा हो।”
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की तरफ से प्रणाली में डाली गई तरलता के एक बड़े हिस्से की समापन तिथि थी और अब वह काफी हद तक वापस हो चुका है। बीते दो वर्षों में आरबीआई ने करीब 17 लाख करोड़ रुपये का तरलता समर्थन दिया है। इनमें से बैंकों और छोटे वित्त बैंकों के हिस्से में करीब 12 लाख करोड़ रुपये आए।
दास ने कहा, “आज की तारीख में पांच लाख करोड़ रुपये की तरलता वापस हो चुकी है और बाकी भी तीसरा साल खत्म होने तक परिपक्व हो जाएगी।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने तरलता को समर्थन देने और उसे वापस लेने की पूरी प्रक्रिया को इस तरह से अंजाम देने की कोशिश की है कि इससे कोई गतिरोध न पैदा हो।
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प्रेम अजय
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