लंदन, 13 अक्टूबर (भाषा) धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामलों में सुनवाई का सामना करने के लिए भारत में वांछित विजय माल्या ने सोमवार को लंदन में होने वाली सुनवाई से पहले ब्रिटेन की अदालत के दिवाला आदेश को रद्द करने के अनुरोध वाला अपना आवेदन वापस ले लिया है।
इसका मतलब है कि दिवाला व्यक्तियों के मामले की सुनवाई करने वाला ‘ट्रस्टी इन बैंकरप्सी’ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह को 69 वर्षीय माल्या की अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर लगभग 1.05 अरब पाउंड के अनुमानित कर्ज के भुगतान में मदद करने के लिए संपत्तियों की तलाश जारी रख सकता है।
माल्या की कानूनी टीम ने पिछले सप्ताह आवेदन को वापस लेने का नोटिस दायर किया था। उसके बाद आवेदन पर सुनवाई के निर्देश निर्धारित करने के लिए उच्च न्यायालय में जारी सुनवाई रद्द कर दी गई थी।
बैंकों का प्रतिनिधित्व करने वाली ब्रिटेन की विधि कंपनी टीएलटी एलएलपी ने बयान में कहा, ‘‘विजय माल्या के मामले में ‘ट्रस्टी इन बैंकरप्सी’ अब किसी भी बाधा के बिना, उनकी दिवालिया स्थिति के तहत आने वाली संपत्तियों की जांच और उसे जारी करने का अपना काम जारी रख सकेंगे।’’
यह अप्रैल में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एंथनी मान द्वारा बैंकों के पक्ष में दिए गए चार साल से भी पुराने दिवाला एवं ऋण शोधन आदेश को बरकरार रखने के फैसले के बाद आया है।
न्यायमूर्ति मान ने कहा था ‘‘इस संबंध में मुख्य बात यह है कि दिवाला आदेश कायम है।’’
भाषा रमण अजय
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