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Wednesday, 3 September, 2025
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वाहन, पेट्रोलियम उद्योग ने कहा, ई20 ईधन से माइलेज में मामूली कमी, लेकिन देश को फायदा

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नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) गाड़ियों में 20 प्रतिशत एथनॉल-मिश्रित पेट्रोल (ई20) के इस्तेमाल से ईंधन दक्षता में दो-चार प्रतिशत की मामूली गिरावट आ सकती है, लेकिन इससे देश को होने वाला कुल लाभ, ग्राहकों द्वारा ईंधन पर किए गए अतिरिक्त खर्च से कहीं ज्यादा है। वाहन और पेट्रोलियम उद्योग के अधिकारियों और परीक्षण एजेंसी ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने शनिवार को यह बात कही।

वाहन उद्योग की संस्था सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने कहा कि ई20 ईंधन के इस्तेमाल को लेकर बीमा और वारंटी से जुड़ी चिंताएं गलत हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वाहन बनाने वाली कंपनियां बिना किसी शर्त के वारंटी का सम्मान करेंगी।

सियाम के कार्यकारी निदेशक पी के बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम मानते हैं कि इस ईंधन की प्रकृति के कारण माइलेज में थोड़ी कमी आती है, लेकिन इससे देश, समाज, किसानों, पर्यावरण, सरकारी खजाने और हम सभी को बहुत बड़ा लाभ होता है।’

बनर्जी ने ग्राहकों के उन दावों को खारिज कर दिया कि ईंधन दक्षता में 20 से 50 प्रतिशत की कमी आई है।

उन्होंने कहा, ‘यह सब एक गलत सूचना फैलाने का अभियान है।’

विभिन्न परीक्षणों के परिणामों का हवाला देते हुए बनर्जी ने कहा, ‘हमने जिन भी गाड़ियों का परीक्षण किया, उनमें (माइलेज में कमी की) सीमा दो से चार प्रतिशत पाई गई।’

उन्होंने बताया कि एथनॉल के कैलोरी मान की प्रकृति के कारण ई20 में पेट्रोल के मुकाबले केवल छह प्रतिशत कम ऊर्जा होती है, क्योंकि इथेनॉल का कैलोरी मान पेट्रोल की तुलना में 30 से 35 प्रतिशत कम होता है।

जब गैर ई20 गाड़ियों में ई20 ईंधन के इस्तेमाल से वारंटी और बीमा से जुड़े मुद्दों के बारे में पूछा गया, तो बनर्जी ने कहा, ‘ई20 ईंधन से संबंधित बीमा और वारंटी के बारे में कोई भी दावा फैलाना गलत है। वाहन निर्माता (बिना किसी किंतु-परंतु के वारंटी का सम्मान करेंगे।’

एआरएआई के निदेशक रेजी मथाई ने 2016 और 2021 में किए गए दो अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि ‘जांच में हमने पाया कि गाड़ियों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ा… वे ई20 ईंधन के साथ ठीक से काम कर रही हैं।’

फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री के सलाहकार पी एस रवि ने पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के फायदे बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण इलाकों में खुशहाली बढ़ी है।

उन्होंने दावा किया कि किसानों को अधिक कमाई हुई है, क्योंकि अकेले 2025 में एथनॉल खरीदने के लिए उन्हें 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

इस बारे में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के कार्यकारी उपाध्यक्ष विक्रम गुलाटी ने कहा कि एथनॉल मिलाने के फायदे को एक बड़े नजरिए से देखना चाहिए। यह विदेशी मुद्रा की बचत करता है, जिसका सीधा असर भारत के चालू खाता घाटे और पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।

गुलाटी ने बताया, ‘जो पैसा (कच्चे तेल के आयात के लिए) विदेश भेजा जाता था, वह अब किसानों के पास जा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। वे ज्यादा खर्च कर पाएंगे और अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे।’

भाषा योगेश पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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