भुवनेश्वर, पांच जून (भाषा) भारतीय खनन एवं धातु कंपनी वेदांता लिमिटेड ओडिशा की झारसुगुडा टाउनशिप में वाणिज्यिक वाहन बेड़े में ‘बायोडीजल’ के उपयोग की संभावनाएं तलाश रही है।
कंपनी ने बृहस्पतिवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर यह जानकारी दी।
‘बायोडीजल’ एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो वनस्पति तेल, पशु वसा या अपशिष्ट खाना पकाने के तेल से बनाया जाता है।
वेदांता एल्युमीनियम कंपनी ने बयान में कहा कि उसने 2030 तक अपने हल्के मोटर वाहन बेड़े को 100 प्रतिशत कार्बन मुक्त करने का संकल्प लिया है। इस प्रयास के तहत, कंपनी इसकी व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए शुरुआती कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अपने वाणिज्यिक वाहन बेड़े में ‘बायोडीजल’ के उपयोग की संभावना तलाश रही है।
इसके अलावा, कंपनी ने ओडिशा में लांजीगढ़ एल्युमिना रिफाइनरी और छत्तीसगढ़ में बाल्को स्मेल्टर में कृषि अवशेषों से बने ‘बायोमास ब्रिकेट’ का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
‘बायोमास ब्रिकेट’ एक तरह का जैव ईंधन है जो कृषि अपशिष्ट, वानिकी अवशेषों एवं अन्य बायोमास संसाधनों को संपीड़ित करके बनाया जाता है।
वेदांता एल्युमीनियम के मुख्य परिचालन अधिकारी (सी.ओ.ओ.) सुनील गुप्ता ने बयान में कहा कि सामग्री की जिम्मेदारीपूर्ण ‘सोर्सिंग’ से लेकर ऊर्जा कुशल विनिर्माण सुनिश्चित करने तक, वेदांता दीर्घकालिक मूल्य सृजन के साथ-साथ ग्रह की जरूरतों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा उद्देश्य टिकाऊ एवं जिम्मेदार विकास के लिए नए मानक स्थापित करके वैश्विक एल्युमीनियम उद्योग को एक मिसाल की तरह पेश करना है।’’
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