नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) रूस के प्रथम उप-ऊर्जा मंत्री पावेल सोरोकिन ने कहा है कि रूस पर अमेरिका द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों का भारत के साथ रूस के तेल व्यापार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने इन प्रतिबंधों को ‘गैरकानूनी’ बताया।
पिछले महीने अमेरिका ने रूस के ऊर्जा व्यापार के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए थे। इन प्रतिबंधों में रूसी तेल उत्पादक गैजप्रोम नेफ्ट और सर्गुटनेफ्टेगास को लक्ष्य बनाया गया था और साथ ही रूसी तेल ले जाने वाले 183 जहाजों पर प्रतिबंध लगाया गया था।
इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूसी ऊर्जा निर्यात को धीमा करना तथा यूक्रेन में युद्ध के वित्तपोषण के लिए मॉस्को के संसाधनों को सीमित करना था।
सोरोकिन ने यहां भारत ऊर्जा सप्ताह के अवसर पर कहा कि रूस का भारत के साथ संबंध मुख्य रूप से आर्थिक लाभ पर आधारित है, यानी यह एक व्यावसायिक और व्यावहारिक संबंध है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी यह आधार रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि ऊर्जा व्यापार को राजनीतिक कारणों से रोका नहीं जाना चाहिए। प्रतिबंध (जो अमेरिका ने लगाए हैं) एक सही और वैध तरीका नहीं हैं। हम अपने साझेदार देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग जारी रखेंगे, भले ही अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हों।’
यूक्रेन युद्ध से पहले रूसी तेल भारत के कुल तेल आयात का एक प्रतिशत से भी कम था, लेकिन 2022 में यह बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो गया। हाल के हफ्तों में यह घटकर 30-35 प्रतिशत रह गया है।
मंत्री ने कहा कि रूस, भारत जैसे साझेदार देशों के साथ उनकी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काम करना जारी रखेगा।
भाषा योगेश अजय
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