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Saturday, 13 September, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने EU से भारत-चीन पर 100% शुल्क लगाने को कहा—रिपोर्ट का दावा

ट्रंप ने भारतीय उत्पादों के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के अलावा रूसी तेल की खरीद जारी रखने के एवज में 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना भी लगा दिया है. इस तरह भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगने लगा है.

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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ से भारत एवं चीन पर 100 प्रतिशत तक शुल्क (टैरिफ) लगाने का अनुरोध किया है, ताकि रूस पर यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए आर्थिक दबाव बढ़ाया जा सके. फाइनेंशियल टाइम्स ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने मंगलवार को वॉशिंगटन में वरिष्ठ अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों की एक बैठक में शुल्क बढ़ाने का आह्वान किया. इस बैठक में रूस पर युद्ध का आर्थिक भार बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई.

‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा कि अमेरिका यूरोपीय संघ द्वारा भारत एवं चीन पर लगाए गए किसी भी शुल्क को ‘समान रूप से लागू करने’ के लिए तैयार है.

यह कदम ऐसे समय में आया है जब ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया पर भारत-अमेरिका संबंधों के सकारात्मक दृष्टिकोण पर चर्चा की और द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के प्रयासों का जिक्र किया.

भारत और अमेरिका के संबंध पिछले कुछ समय से उठापटक के दौर से गुजर रहे हैं. ट्रंप ने भारतीय उत्पादों के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के अलावा रूसी तेल की खरीद जारी रखने के एवज में 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना भी लगा दिया है. इस तरह भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगने लगा है.

इस तनाव के बीच दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर जारी बातचीत भी रुक गई है. अमेरिकी दल को छठे दौर की वार्ता के लिए 25 अगस्त को भारत आना था लेकिन वह दौरा स्थगित हो गया और अब तक नई तारीखों की घोषणा नहीं हुई है.

इस बीच, ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसे संकेत दिए हैं कि संबंधों को पटरी पर लाने के लिए कुछ प्रयास किए जाएंगे.

हालांकि व्यापार सलाहकार पीटर नवारो जैसे ट्रंप प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर भारत के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणियां की हैं.

भारत ने इन सभी आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कहा है कि उसने अपने राष्ट्रीय हित और बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए रूस से सस्ता तेल खरीदा है.

वर्ष 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. ऐसे में रियायती कीमत पर उपलब्ध कच्चे तेल की भारत ने खरीद बढ़ा दी.

वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी केवल 1.7 प्रतिशत थी, जो 2024-25 में बढ़कर 35.1 प्रतिशत तक पहुंच गई और रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया.

अमेरिकी समाचारपत्र की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब ट्रंप ने यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों को तेज किया है. उन्होंने इस मुद्दे पर पिछले महीने अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता भी की थी.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


 

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