नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती करने की संभावना से घरेलू शेयर बाजार में आशावाद बढ़ सकता है।
विश्लेषकों ने यह अनुमान जताते हुए कहा कि निवेशकों का ध्यान भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त अमेरिकी शुल्क लगाने की समयसीमा नजदीक आने पर भी है।
इसके अलावा विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों, वैश्विक रुझानों और व्यापक आर्थिक आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजार के रुझान तय होंगे।
बुधवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।
उन्होंने कहा, ”सकारात्मक वैश्विक संकेतों से कुछ समर्थन मिलने की संभावना है, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने जैक्सन हॉल संगोष्ठी में अपने भाषण में ब्याज दरों में संभावित कटौती का संकेत दिया है, जिसके बाद अमेरिकी बाजारों में जोरदार उछाल आया और डॉलर सूचकांक कमजोर हुआ।”
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ”एक अन्य महत्वपूर्ण कारक भारतीय निर्यात पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की अमेरिकी योजना से संबंधित 27 अगस्त की समय सीमा होगी। स्पष्टता के अभाव में एफआईआई की भागीदारी कम रह सकती है। इसके साथ ही अमेरिका, चीन और भारत के व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर भी कड़ी नज़र रखी जाएगी।”
अमेरिकी बाजार शुक्रवार को तेज बढ़त के साथ बंद हुए। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1.89 प्रतिशत, नैस्डैक कंपोजिट 1.88 प्रतिशत और एसएंडपी 500 1.52 प्रतिशत चढ़ा।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल के जैक्सन हॉल भाषण से सितंबर में ब्याज दरों में कटौती का संकेत मिलता है।”
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि जीएसटी 2.0 सुधारों और घरेलू स्तर पर व्यापक आर्थिक मजबूती को लेकर आशावाद से भारतीय शेयर बाजारों को समर्थन मिलता रहेगा।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत के खिलाफ अमेरिकी शुल्क कार्रवाई पर स्पष्टता आने और भारत तथा अमेरिका, दोनों के आगामी जीडीपी आंकड़े निवेशकों की धारणा को आकार देंगे।
पिछले हफ्ते, बीएसई सेंसेक्स 709.19 अंक या 0.87 प्रतिशत उछला, जबकि निफ्टी 238.8 अंक या 0.96 प्रतिशत बढ़ा।
भाषा पाण्डेय
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