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Sunday, 10 August, 2025
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भारतीय वस्तुओं पर शुल्क 50 प्रतिशत करने का अमेरिका का फैसला एकतरफा, तर्कहीन: अधिकारी

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मुंबई, सात अगस्त (भाषा) अमेरिका के भारत पर शुल्क दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के एक दिन बाद, एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह एकतरफा फैसला है, जिसमें कोई तर्क या कारण नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि नई दिल्ली और वाशिंगटन डीसी के बीच बातचीत अभी भी जारी है।

विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंधों के सचिव दम्मू रवि ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”यह एकतरफा फैसला है। मुझे नहीं लगता कि इसे जिस तरह से लिया गया है, उसमें कोई तर्क या कारण है।”

उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ”यह एक ऐसा दौर है, जिससे हमें उबरना होगा। बातचीत अभी भी जारी है। इसलिए, हमें भरोसा है कि पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारियों को देखते हुए समय के साथ समाधान निकल आएगा।”

रवि ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय भारतीय पक्ष की ओर से बातचीत का नेतृत्व कर रहा है और उम्मीद है कि कोई समाधान निकलेगा।

उन्होंने बताया, ”हम समाधान खोजने के बहुत करीब थे, और मुझे लगता है कि इस गति में कुछ समय के लिए विराम लग गया है, लेकिन कोशिश जारी रहेगी।”

रवि ने कहा कि भारत और अमेरिका पिछले कुछ समय से रणनीतिक साझेदार रहे हैं और दोनों पक्षों के व्यवसाय और उद्यमी व्यापार के अवसरों की तलाश में हैं।

रवि ने कहा कि उच्च शुल्क का भारतीय उद्योग पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब भी किसी देश को शुल्क की दीवारों का सामना करना पड़ता है, तो वह नए बाजारों की तलाश करता है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत पश्चिम एशिया, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण एशिया में व्यापार बढ़ाने की कोशिश करेगा।

उन्होंने कहा, ”अगर अमेरिका को निर्यात करना मुश्किल हो जाएगा, तो जाहिर है कि आप दूसरे अवसरों की तलाश करेंगे।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क फैसलों पर उन्होंने कहा, ”मेरे विचार से यह एक अस्थायी समस्या है, जिसका देश को सामना करना पड़ेगा। समय के साथ दुनिया इसका समाधान खोज लेगी। समान विचारधारा वाले देश ऐसे सहयोग और आर्थिक जुड़ाव की तलाश करेंगे जो सभी पक्षों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी हो।”

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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