नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान दोगुने से भी अधिक 58.62 लाख टन यूरिया का आयात किया गया है। इसके साथ ग्रीष्मकालीन बुवाई सत्र में किसानों को उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति भी सुनिश्चित की गई।
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अप्रैल और अक्टूबर 2025 के बीच, भारत ने 58.62 लाख टन कृषि-ग्रेड यूरिया का आयात किया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 24.76 लाख टन यूरिया का आयात किया गया था।’’
इसके अलावा, नवंबर और दिसंबर महीनों के लिए 17.5 लाख टन यूरिया का आयात पहले ही निर्धारित है।
उर्वरक विभाग ने कहा कि उसने खरीफ 2025 सत्र के दौरान देश भर में यूरिया सहित उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की है। इस दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि किसानों को बिना किसी कमी के आवश्यक मात्रा में यूरिया मिले।
यूरिया की उपलब्धता 230.53 लाख टन रही, जबकि अनुमानित जरूरत 185.39 लाख टन थी। इस दौरान यूरिया की बिक्री 193.20 लाख टन रही जो इसकी अखिल भारतीय उपलब्धता को दर्शाती है।
किसानों ने खरीफ 2025 सत्र में खरीफ 2024 की तुलना में लगभग 4.08 लाख टन अधिक यूरिया की खपत की है।
घरेलू उत्पादन और बढ़ती मांग के बीच के अंतर को पाटने के लिए, सरकार ने आयात को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण प्रयास किए।
विभाग ने कहा कि आयात में वृद्धि ने न केवल खरीफ 2025 के दौरान यूरिया की बढ़ी हुई मांग पूरी की, बल्कि आगामी रबी सत्र के लिए पर्याप्त बफर स्टॉक बनाने में भी मदद की।
इसका नतीजा यह हुआ कि कुल यूरिया स्टॉक एक अक्टूबर, 2025 के 48.64 लाख टन से बढ़कर 31 अक्टूबर, 2025 तक 68.85 लाख टन हो गया।
अक्टूबर 2025 में घरेलू यूरिया उत्पादन 26.88 लाख टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के समान महीने से 1.05 लाख टन अधिक है।
अप्रैल और अक्टूबर के बीच औसत मासिक उत्पादन लगभग 25 लाख टन रहा।
उर्वरक विभाग ने यूरिया के अन्यत्र उपयोग, तस्करी, जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जरूरत पर भी बल दिया।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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