नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) बीएनपीएल और डिजिटल मुद्रा जैसे नए तरीकों के भविष्य के भुगतान को परिभाषित करने की संभावना के बावजूद खुदरा ऑनलाइन लेनदेन मंच यूपीआई का देश में डिजिटल भुगतान परिदृश्य में दबदबा कायम रहने की संभावना है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया ने अपनी एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), ‘बाय नाउ पे लैटर (बीएनपीएल), सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) और ऑफलाइन भुगतान अगले पांच वर्षों में भारत में डिजिटल भुगतान की वृद्धि को गति देते रहेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई का डिजिटल भुगतान क्षेत्र में बड़ा योगदान बना रहेगा और उसके बाद बीएनपीएल का स्थान होगा।
पीडब्ल्यूसी की ‘द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक 2021-26’ शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय डिजिटल भुगतान बाजार में संख्या के हिसाब से 23 फीसदी की मजबूत वृद्धि देखी गई है और इसके वित्त वर्ष 2025-26 तक 217 अरब लेनदेन तक पहुंचने की संभावना है। मूल्य के हिसाब से यह आंकड़ा अगले पांच वर्षों में 5,900 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2020-21 में यूपीआई के जरिये 22 अरब डिजिटल लेनदेन हुए थे और वर्ष 2025-26 तक इसके 169 अरब लेनदेन हो जाने की संभावना है। इस तरह सालाना आधार पर 122 प्रतिशत की तेज वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई के जरिये कम मूल्य वाले लेनदेन और सीमापार पैसे भेजने के लिए एशिया के अन्य देशों के साथ साझेदारी होने से भी इस वृद्धि को मजबूती मिल रही है।
वहीं बीएनपीएल के जरिये फिलहाल 36,300 करोड़ रुपये मूल्य के करीब 363 अरब लेनदेन हुए हैं जिसके अगले पांच साल में 3,19,100 करोड़ रुपये मूल्य के 3,191 अरब लेनदेन हो जाने की उम्मीद है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार एवं भुगतान बदलाव प्रमुख मिहिर गांधी ने कहा, ‘‘नियामकों, बैंकों, भुगतान एवं वित्त-प्रौद्योगिकी कंपनियों के अलावा कार्ड नेटवर्क एवं सेवाप्रदाताओं के मिले-जुले प्रयासों से डिजिटल भुगतान उद्योग में आने वाले वर्षों में जबर्दस्त वृद्धि की संभावना नजर आ रही है। ’’
भाषा
प्रेम अजय
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