नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) विभिन्न सरकारी और निजी एजेंसियों की मदद के लिए राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के तहत एक एकीकृत लॉजिस्टिक इंटरफेस मंच (यूलिप) का विकास किया जाएगा जिसकी मदद से माल भेजने वाले और सेवा-प्रदाता गोपनीय ढंग से वास्तविक समय पर सूचना साझा कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति का अनावरण किया था। इस नीति का मकसद परिवहन क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और व्यवसायों की लॉजिस्टिक लागत को 13-14 प्रतिशत से घटाकर एक अंक में लाना है।
यूलिप का विकास व्यापक लॉजिस्टिक कार्ययोजना के तहत प्रस्तावित आठ हस्तक्षेपों में से एक है, जिसे नीति के जरिये लागू किया जाएगा।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की तरफ से लॉजिस्टिक नीति के बारे में जारी एक ई-बुक के अनुसार, ”इस मंच का उपयोग विभिन्न सरकारी और निजी एजेंसियों, सेवा प्रदाताओं, माल भेजने वालों आदि द्वारा गोपनीय तरीके से सभी हितधारकों के बीच वास्तविक समय के आधार पर सूचना के आदान-प्रदान के लिए किया जाएगा।”
ई-बुक कहती है कि यूलिप मंच भारत के लॉजिस्टिक क्षेत्र में प्रक्रियाओं में देरी और मैनुअल गतिविधियों की चुनौतियों का समाधान करेगा। इससे भारतीय लॉजिस्टिक क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव आएंगे।
यूलिप को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम की लॉजिस्टिक डेटा बैंक परियोजना का इस्तेमाल किया जाएगा।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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