मुंबई, दो अप्रैल (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने मंगलवार को कहा कि पूंजी बाजार का पूरा ढांचा भरोसे पर टिका है और यह पारदर्शी व्यवस्था से पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार नियामक सार्वजनिक शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिनिधि के रूप में काम करता है। इन शेयरधारकों की सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी 56 प्रतिशत है जबकि प्रवर्तकों के पास 44 प्रतिशत हिस्सा है।
यहां उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कंपनी संचालन विषय पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ बाजार ही नहीं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था भरोसे की इमारत पर टिकी हुई है।’’
सेबी प्रमुख ने कहा, ‘‘एक नियामक के रूप में हमारे लिए विश्वास का सबसे बुनियादी आधार पारदर्शिता है।’’
उन्होंने कहा कि भरोसा दोतरफा होता है। जहां एक कंपनी को बाजार के साथ भरोसा बनाने के लिए नियामक के साथ विश्वास बनाना होता है, वहीं नियामक सार्वजनिक शेयरधारकों के प्रतिनिधि के रूप में उद्योग के साथ विश्वास बनाने के लिए काम कर रहा है।
इस मौके पर बजाज फिनसर्व के प्रमुख और कंपनी संचालन पर सीआईआई परिषद के प्रमुख संजीव बजाज ने कहा, ‘‘सख्त कंपनी संचालन गतिविधियां टिकाऊ कारोबार के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे समग्र रूप से बड़ी अर्थव्यवस्था की स्थिरता, वृद्धि और भरोसे में भी योगदान देती हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस साल के अंत में सीआईआई पारिवारिक कारोबार में कॉरपोरेट संचालन पर एक चार्टर लेकर आएगा।
बुच ने सीआईआई बैठक में दो रिपोर्ट जारी कीं। इसमें से एक भारत में उद्यमों पर डिजिटल व्यक्तिगत आंकड़ा संरक्षण अधिनियम के प्रभाव पर केंद्रित है। दूसरी रिपोर्ट स्टार्टअप के लिए कंपनी संचालन पर सीआईआई चार्टर है।
भाषा रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.