नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने उपग्रह कंपनियों को देश में कॉल करने, संदेश भेजने, ब्रॉडबैंड और अन्य सेवाएं देने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने के तरीके और मूल्य का पता लगाने के लिए शुक्रवार को परामर्श प्रक्रिया शुरू की।
स्पेक्ट्रम मूल्य और आवंटन पद्धति पर फैसले से पूरे भारत में एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्पेसएक्स, भारती समूह समर्थित वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियों की उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए रास्ता खुलेगा।
सरकार ने दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत प्रशासनिक प्रक्रिया के जरिए बिना नीलामी के ज्यादातर उपग्रह सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला किया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने परामर्श प्रक्रिया में उपग्रह कंपनियों को रेडियो तरंगें आवंटित करने के वैकल्पिक तरीकों पर विचार मांगे हैं।
ट्राई ने 21 बिंदुओं पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। इनमें स्पेक्ट्रम शुल्क निर्धारित करने की विधि, उपग्रह संचार सेवाओं के लिए फ्रीक्वेंसी बैंड और स्पेक्ट्रम वापस करने का प्रावधान आदि शामिल हैं।
नियामक ने इस पर सुझाव के लिए 18 अक्टूबर और जवाबी टिप्पणियों के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.