नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) निर्यातकों के शीर्ष संगठन ने उम्मीद जताई है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शनिवार को संपन्न हुए व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वाणिज्य और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के मुताबिक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते (ईसीटीए) से परिधान, कपड़ा, चमड़ा, जूते, रत्न, आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद और दवा उद्योग के अलावा सेवा क्षेत्र को भी लाभ पहुंचेगा।
फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने एक बयान में कहा कि भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया शीर्ष 15 निर्यात गंतव्यों में से एक है।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि दुबई के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया में भी प्राथमिकता के आधार पर पहुंच हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि अभी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रत्नों एवं आभूषणों का द्विपक्षीय व्यापार 95 करोड़ डॉलर का है।
ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किए जाने वाले मुख्य जिंसों में सोने के आभूषण (साधारण और जड़ित) और पॉलिश किए हुए हीरे हैं। वहां से आयात होने वाले प्रमुख जिंसों में सोने और चांदी की ईंटें शामिल हैं।
शाह ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया को उन क्षेत्रों तक पहुंच का लाभ मिलेगा जहां भारत विश्व में अगुआ है मसलन हीरों का क्षेत्र। भारत के रत्न एवं आभूषण निर्यात को प्राथमिक पहुंच देना ऑस्ट्रेलिया के खुदरा व्यापारियों के लिए भी किफायती सौदा होगा।’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समझौते से रत्नों एवं आभूषण का द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 1.5 अरब डॉलर का हो जाएगा।
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मानसी प्रेम
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