नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान दफ्तर के लिये कुल पट्टा अनुबंध ढाई गुना बढ़कर 18 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गया। इससे पिछले वर्ष की इसी तिमाही के दौरान यह सात लाख वर्ग फुट था।
रियल एस्टेट कंपनी कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार मांग में सुधार के कारण किराए पर कार्यालय स्थल की गतिविधियों में तेजी आई है।
वही नए कार्यालय स्थल की आपूर्ति इस दौरान 10 प्रतिशत घटकर दस लाख वर्ग फुट रह गई, जो पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में 11 लाख वर्ग फुट थी।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने के अंत तक दिल्ली-एनसीआर में पट्टे पर कार्यालय देने की कुल जगह 11.87 करोड़ वर्ग फुट थी।
कोलियर्स इंडिया ने दिल्ली-एनसीआर कार्यालय बाजार में ग्रेड-ए (प्रीमियम यानी महंगी) संपत्तियों के बारे में अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान किराये पर कार्यालय देने की कुल गतिविधियों में 72 प्रतिशत योगदान गुरुग्राम का रहा। इस क्षेत्र में ‘डीएलएफ साइबरसिटी’ सबसे पसंदीदा बाजार के रूप में उभरा है।’’
इसके अलावा वर्ष 2022 की पहली तिमाही में कार्यालय स्थल की रिक्त जगह 23.5 प्रतिशत रही। वही औसत मासिक किराया 91.6 रुपये प्रति वर्ग फुट था।
रिपोर्ट के अनुसार आलोच्य तिमाही में देश के शीर्ष छह शहरों में दफ्तर के लिये कुल पट्टा अनुबंध तेजी से बढ़कर 1.3 करोड़ वर्ग फुट हो गया। यह इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 47 लाख वर्ग फुट था। वहीं आपूर्ति इस दौरान 70 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 1.43 करोड़ वर्ग फुट पहुंच गयी।
कोलियर्स इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, हैदराबाद और पुणे को शामिल किया है। इन छह शहरों में किराये पर कार्यालय देने की कुल जगह 60.1 करोड़ वर्ग फुट है।
भाषा जतिन रमण
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