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Monday, 18 November, 2024
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मनोरंजन क्षेत्र में कर चोरी रोकने के लिये चाक-चौबंद व्यवस्था बनाये कर विभाग: संसदीय समिति

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नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) संसद की एक समिति ने आयकर विभाग से तेजी से बढ़ रहे मनोरंजन क्षेत्र में कर चोरी रोकने के लिये अपनी व्यवस्था निरंतर अद्यतन (अपडेट) करने को कहा है।

हाल के समय में मनोरंजन उद्योग का टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, संगीत और खेल जैसे परंपरागत क्षेत्रों के अलावा ओटीटी (ओवर द टॉप), पोडकास्ट, ऑडियो बुक और गेमिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार हुआ है।

लोक लेखा समिति (पीएसी) ने कहा कि संपन्नता बढ़ने और बदलती जीवनशैली ने देश के मनोरंजन उद्योग को अर्थव्यवस्था का एक उभरता क्षेत्र बनाने में योगदान दिया है और इसमें आय सृजित करने की ऊंची क्षमता है।

समिति की ‘मनोरंजन क्षेत्र में करदाताओं के आकलन पर’ 51वीं रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गयी।

रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग की प्रकृति गतिशील है। ऐसे में नये क्षेत्रों में वृद्धि के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने की चुनौती है कि आय के स्रोत बढ़ने के हिसाब से राजस्व में उसी अनुसार इजाफा हो।

इसमें कहा गया है, ‘‘इन पहलुओं पर गौर करते हुए समिति सिफारिश करती है कि कर चोरी रोकने के लिये ऐसी व्यवस्था लायी जाए जिसके जरिये क्षेत्र में आय के संभावित स्रोतों की निरंतर समीक्षा हो सके। साथ ही उस व्यवस्था को अद्यतन रखा जाए जिससे मनोरंजन क्षेत्र में होने वाले बदलाव के साथ तालमेल बैठाया जा सके।’’

समिति ने इस दिशा में वित्त मंत्रालय के कदम की सराहना करते हुए सूचना साझा करने की प्रणाली को बेहतर करने और निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने के प्रयासों के साथ ई-व्यवस्था को चाक-चौबंद करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने आयकर विभाग के साथ आंकड़ों को सुचारू तरीके से साझा करने के लिये जिला प्रशासन और आर्थिक अपराधों की जांच से संबंधित अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने का सुझाव दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति मानती है कि इससे करदाताओं/गड़बड़ी करने वालों के आंकड़ों में और सुधार होगा। साथ ही आकलन प्रक्रिया के दौरान आंकड़ों के मिलान में मदद मिलेगी।’’

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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