नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) लेखा परीक्षकों द्वारा समय रहते हितधारकों को चेतावनी देने से कई वित्तीय गड़बड़ियों का पता लगाया जा सकता है और उन्हें प्रारंभिक चरण में टाला जा सकता है।
राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही।
एनएफआरए की स्थापना अक्टूबर, 2018 में हुई थी और इसके दायरे में 8,000 से अधिक सूचीबद्ध और अन्य कंपनियां हैं।
एनएफआरए के चेयरपर्सन अजय भूषण प्रसाद पांडेय ने साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यदि हमारी जांच में पाए गए कई उल्लंघनों को लेखा परीक्षकों ने शेयरधारकों और अन्य हितधारकों को समय पर बताया होता, तो कई वित्तीय गड़बड़ियों का पता लगाया जा सकता था और उन्हें प्रारंभिक चरण में टाला जा सकता था।’’
वह पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में कॉरपोरेट क्षेत्र में हुई अनियमितताओं के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। कई मामलों में लेखा परीक्षक नियामकीय जांच के दायरे में आ गए हैं।
एनएफआरए जल्द ही लेखा परीक्षण की गुणवत्ता की जांच भी शुरू करेगा।
पांडेय ने कहा कि एनएफआरए को सिर्फ प्रवर्तन एजेंसी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चीजें भरोसे पर काम करती हैं।
उन्होंने कहा कि एनएफआरए जैसे नियामक को लेखांकन प्रक्रियाओं में सुधार करने और हितधारकों के बीच वित्तीय रिपोर्टिंग में भरोसा पैदा करने के लिए एक मित्र और मार्गदर्शक के रूप में देखना चाहिए।
भाषा पाण्डेय अजय
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