नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बुधवार को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि भले ही सितंबर तिमाही में धीमी हुई है, लेकिन कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में 6.5 से 7.0 प्रतिशत की वृद्धि दर में ज्यादा गिरावट का जोखिम नहीं है।
सेठ ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कुछ वस्तुओं और सेवाओं में पिछले वर्ष की तरह उतनी तेजी से वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन ई-वे बिल और ई-चालान के आंकड़े 6.5 से 7.0 प्रतिशत की वृद्धि दर में किसी महत्वपूर्ण गिरावट की आशंका का संकेत नहीं देते हैं। आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5 से 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
सचिव ने यह भी कहा कि खाद्य कीमतें चिंता का विषय रही हैं लेकिन इसके अलावा, मुद्रास्फीति भारत के लिए कोई चुनौती नहीं है।
सेठ ने पूंजीगत व्यय के बारे में कहा कि सरकार के पूंजीगत व्यय में चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य 11.11 लाख करोड़ रुपये की तुलना कुछ कमी देखी जा सकती है। लेकिन पूंजीगत व्यय पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने वर्ष की शुरुआत आर्थिक समीक्षा में 6.5-7 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान के साथ की। मुझे इसके नीचे जाने का कोई महत्वपूर्ण जोखिम नहीं दिख रहा है… दूसरी तिमाही के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कुछ उत्पादों या कुछ सेवाएं उसी स्तर पर नहीं हो सकती हैं जहां वे लगभग एक साल पहले या दो तिमाहियों में थीं।’’
सेठ ने उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम में कहा, ‘‘लेकिन उसके बाद, आप कुछ अन्य संकेतकों को देखते हैं। विशेष रूप से मैं अक्टूबर के महीने में ई-वे बिल या ई-चालान के संदर्भ में देख रहा हूं। वे एक अलग संख्या बताते हैं। इससे यह संकेत नहीं मिलता है कि वर्ष की शुरुआत में अनुमानित 6.5-7 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान के नीचे जाने का कोई जोखिम है।’’
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही है। हालांकि, यह पांच तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है, लेकिन इस वृद्धि के साथ भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत रही थी।
भाषा रमण अजय
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