मुंबई, 15 मार्च (भाषा) अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना तथा मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच विदेशी मुद्रा की सतत निकासी के चलते रुपये में लगातार तीसरे दिन गिरावट आई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपये ने शुरुआती लाभ गंवा दिया तथा कारोबार के अंत में यह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले आठ पैसे की गिरावट के साथ 76.62 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयरों में भारी बिकवाली से रुपये पर दबाव बढ़ गया।
उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अनिश्चितता तथा बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि किये जाने की संभावना ने रुपये पर दबाव बनाये रखा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76.40 पर मजबूत खुला। रूस और यूक्रेन के बढ़ते तनाव के बीच रुपये का आरंभिक लाभ लुप्त हो गया और उसमें गिरावट का रुख कायम हो गया। कारोबार के दौरान रुपये में 76.32 रुपये से 76.68 रुपये के दायरे में घटबढ़ हुई। कारोबार के अंत में रुपये का मूल्य अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले आठ पैसे की गिरावट दर्शाता 76.62 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले तीन कारोबारी सत्रों के दौरान रुपये में 0.25 प्रतिशत की गिरावट आई है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद भी पिछले दो दिनों में रुपये की गति मौन बनी हुई है क्योंकि बाजार सहभागियों को एफओएमसी बैठक के परिणाम का इंतजार है। बाजार के कारोबारियों को ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत की वृद्धि किये जाने की उम्मीद है। फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले अमेरिकी बांड प्रतिफल में वृद्धि से डॉलर मजबूत हुआ है।’’
इस बीच, छह प्रमुख मु्द्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत घटकर 98.71 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 5.36 प्रतिशत घटकर 101.17 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
भाषा राजेश राजेश अजय
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