scorecardresearch
Monday, 3 June, 2024
होमदेशअर्थजगतरिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर कायम रखा

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर कायम रखा

Text Size:

(तस्वीर के साथ)

मुंबई, छह अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने वैश्विक खाद्य और ईंधन की कीमतों के किसी भी झटके से घरेलू अर्थव्यवस्था के बचाव के लिए कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने वृहद आर्थिक स्थिरता और सतत वृद्धि की राह में ऊंची मुद्रास्फीति की एक प्रमुख जोखिम के रूप में पहचान की है। हालांकि, गवर्नर ने उम्मीद जताई कि सितंबर का खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा अगस्त और जुलाई से कम रहेगा।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 2023-24 की पहली तिमाही में घटकर 4.6 प्रतिशत रह गई है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.3 प्रतिशत थी।

दास ने कहा, ‘‘जुलाई और अगस्त के असाधारण उच्चस्तर की तुलना में सितंबर में महंगाई दर का आंकड़ा नीचे आएगा क्योंकि खाद्य पदार्थों की कीमतों का प्रभाव अब कम हो रहा है।’’

आरबीआई ने 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। दूसरी तिमाही में इसके 6.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जोखिम समान रूप से संतुलित हैं। अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 की पहली तिमाही खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर आने का अनुमान है।

अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में भी चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था।

दास ने कहा कि वृद्धि सही दिशा में है। महंगाई में गिरावट का रुख जुलाई-अगस्त 2023 में कुछ पलट गया था। इसकी वजह खाद्य वस्तुओं के दाम हैं।

रिजर्व बैंक ने कहा कि भू-राजनीतिक दबाव और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के मद्देनजर मुद्रास्फीति के परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता है।

गवर्नर दास ने कहा, ‘‘हम मुद्रास्फीति की उभरती परिस्थितियों को लेकर सतर्क रहते हैं। मैं दृढ़ता से इस बात को दोहराना चाहूंगा कि हमारा मुद्रास्फीति लक्ष्य चार प्रतिशत है, न कि दो से छह प्रतिशत।’’

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य वृद्धि को समर्थन देते हुए टिकाऊ आधार पर मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में रखने का है।

भाषा अजय अजय निहारिका

निहारिका

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments