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बुधवार, 18 जून, 2025
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सूक्ष्म वित्त संस्थानों का बकाया कर्ज पोर्टफोलियो 2022-23 में करीब 20.3 प्रतिशत बढ़ेगा

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कोलकाता, तीन जनवरी (भाषा) देश के सूक्ष्म वित्त (माइक्रोफाइनेंस) संस्थानों (एमएफआई) का बकाया कर्ज का पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 20.3 प्रतिशत बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।

सूक्ष्म वित्त संस्थान नेटवर्क (एमएफआईएन) की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। एमएफआईएन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त एक स्व-नियामक संगठन है।

इससे पिछले वित्त वर्ष में एमएफआई का कुल बकाया ऋण पोर्टफोलियो 2.7 लाख करोड़ रुपये था।

एमएफआईएन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आलोक मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि इस क्षेत्र ने वर्ष 2000 से देश में लगभग 1.32 करोड़ नौकरियां सृजित की हैं।

मिश्रा ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष के लिए एमएफआई का बकाया कर्ज पोर्टफोलियो लगभग 3.25 लाख करोड़ रुपये होगा। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 20.3 प्रतिशत अधिक है।’’

पिछले दो वर्षों 2021 और 2022 में महामारी के कारण संग्रह दक्षता अनुपात प्रभावित हुआ था।

मिश्रा ने कहा, ”हालांकि वर्तमान में संग्रह दक्षता अनुपात महामारी के दौरान के 70 प्रतिशत से बढ़कर 97 प्रतिशत हो गया है।”

एमएफआईएन के अध्ययन के अनुसार, देश में एमएफआई लाभार्थियों की कुल संख्या 6.2 करोड़ है।

भाषा रिया अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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