नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र ने पंजाब में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत स्वीकृत 1.41 करोड़ लाभार्थियों में एक भी लाभार्थी को कम नहीं किया है, बल्कि राज्य सरकार से केवल समावेश मानदंडों के आधार पर लाभार्थियों की दोबारा जांच करने को कहा है ताकि पात्र दावेदारों को लाभ मिल सके।
जोशी ने यह बात पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दावे के बाद शनिवार को कही। मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एनएफएसए के तहत राज्य में आठ लाख से ज्यादा राशन कार्ड धारकों के नाम हटाना चाहती है, लेकिन उनकी सरकार ऐसा नहीं होने देगी।
जोशी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भगवंत मान को तथ्यों को सही से समझने की जरूरत है।’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि लाभार्थियों के लिए अनिवार्य ई-केवाईसी का निर्देश उच्चतम न्यायालय ने दिया था और केंद्र केवल राज्यों से इसे लागू करने के लिए कह रहा है।
मंत्री ने कहा कि पंजाब को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कई बार समय-सीमा बढ़ाई गई है।
जोशी ने कहा कि कि एनएफएसए 2013 के तहत, पात्र लाभार्थियों की पहचान करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इसके लिए उनके अपने मानदंड हैं। इस प्रक्रिया में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने केवल पंजाब सरकार के समावेश मानदंडों के आधार पर लाभार्थियों की दोबारा जांच करने को कहा है। इस तरह, इस योजना से नहीं जुड़े पात्र लाभार्थी को जोड़ा जा सकेगा।’’ जोशी ने कहा कि सभी 1.41 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज मिलता रहेगा।
इससे पहले, चंडीगढ़ में मीडिया को संबोधित करते हुए, मान ने दावा किया था कि उनकी सरकार को केंद्र से एक रिपोर्ट मिली है, जिसमें पंजाब में 8,02,493 राशन कार्ड धारकों के नाम काटने की बात कही गई है क्योंकि वे अब पात्र नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक भी राशन कार्ड को नहीं हटाने देगी।
मान ने कहा कि पंजाब में एनएफएसए के तहत 1.53 करोड़ लाभार्थी हैं, जिन्हें गेहूं मिलता है। आप सरकार हमेशा गरीबों के साथ खड़ी है।
भाषा रमण पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.