मुंबई, दो अप्रैल (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में मंगलवार को तीन कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 111 अंक के नुकसान में रहा। अमेरिकी बाजारों में कमजोर रुख तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी के बीच चुनिंदा निजी बैंकों और वाहन शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार में गिरावट आई।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 110.64 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,903.91 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 270.78 अंक तक नीचे चला गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 8.70 अंक यानी 0.04 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 22,453.30 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सोमवार को कारोबार के दौरान अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गये थे। बाद में दोनों मानक सूचकांक 0.5 प्रतिशत की बढ़त में रहे थे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजारों के कल कारोबार के दौरान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के साथ बाजार में आज गिरावट आई। अमेरिकी डॉलर में मजबूती, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि और कच्चे तेल के दाम में अच्छी तेजी जैसे कारणों से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।’’
नायर ने कहा कि अमेरिका में विनिर्माण आंकड़ा उम्मीद से बेहतर रहने से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में कटौती में देरी की आशंका को लेकर चिंता बढ़ी है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘निफ्टी में तीन दिन से जारी तेजी आज थम गयी। जबकि कारोबार के अंतिम आधे घंटे में तेजी से सुधार हुआ। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट में गिरावट से वैश्विक शेयर बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिका में विनिर्माण आंकड़े मजबूत रहने से इस बात को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दर में कटौती को लेकर कुछ देरी कर सकता है।’’
सेंसेक्स के शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक सबसे ज्यादा 1.84 प्रतिशत नीचे आया। इसके अलावा एचसीएल टेक्नोलॉजीज, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, टेक महिंद्रा और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, नेस्ले, टाटा मोटर्स और इंडसइंड बैंक शामिल हैं।
बीएसई ‘स्मॉलकैप’ सूचकांक 1.28 प्रतिशत मजबूत हुआ, जबकि ‘मिडकैप’ 1.14 प्रतिशत चढ़ा।
विशेषज्ञों के अनुसार, मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में सुधार जारी है। हालांकि, उच्च मूल्यांकन को लेकर चिंता भी बनी हुई है। निवेशकों को अब रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा का इंतजार है। इससे उन्हें निकट भविष्य में बाजार की दिशा का संकेत मिलेगा।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में जबकि जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक दायरे में रहे।
यूरोप के बाजारों में ज्यादातर में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट सोमवार को नुकसान में रहे थे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 522.30 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 88.83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
इस बीच, उत्पादन और नये ठेकों में मजबूत वृद्धि के दम पर मार्च में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 16 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) मार्च में बढ़कर 59.1 पर पहुंच गया जो फरवरी में 56.9 था।
पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार से है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।
भाषा रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.