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Sunday, 17 November, 2024
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बजट में अगले 25 साल के लिये वृद्धि का आधार रखा गया: राजीव कुमार

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नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि बजट में अगले 25 साल के लिये दीर्घकालीन वृद्धि का आधार रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार निजी निवेश बढ़ाने को हरसंभव उपाय कर रही है जिससे अर्थव्यवस्था को कोविड महामारी से बाहर निकालने में मदद मिलेगी।

कुमार ने यह भी कहा कि केंद्रीय लोक उपक्रमों के विनिवेश की जटिल प्रक्रिया से संबंधित प्रक्रियागत बाधाओं का समाधान कर लिया गया है और आने वाले वर्षों में प्रक्रिया अधिक दुरुस्त और सुगम होगी।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘यह बजट उस भारत के लिये नींव रखता है जिसे हम 2047 में देखना चाहते हैं। उस समय हम अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएंगे।’’

कुमार ने कहा, ‘‘यह भारत नई प्रौद्योगिकियों के मोर्चे पर अगुवा होगा और साथ ही सभी लोगों खासकर निचले तबकों को विकास का लाभ उपलब्ध कराएगा।’’

उन्होंने कहा कि बजट में बुनियादी ढांचा विकास के साथ-साथ उभरते क्षेत्रों तथा आधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास पर ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने निवेश के साथ व्यापक स्तर पर गतिविधियां शुरू करने की बात की है। इसका नेतृत्व निजी निवेश करेगा, जिसमें सरकारी निवेश चीजों को सुगम बनाने वाला बनने जा रहा है।

कुमार ने कहा, ‘‘यानी सरकार निजी निवेश को गति देने के लिये हरसंभव उपाय कर रही है। यह महामारी के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने का हमारा बड़ा दांव होगा।’’

उन्होंने कहा कि वैसे भी आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8 से 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने नौ प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान जताया है।

कुमार ने कहा, ‘‘इस वृद्धि दर का तुलनात्मक आधार ऊंचा है। अत: यह संकेत है कि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे महामारी के कारण उत्पन्न सुस्ती से बाहर आ रही है।’’

सरकार के विनिवेश लक्ष्य हासिल नहीं करने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका कारण निजीकरण की जटिल प्रक्रिया जान पड़ती है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि कई साल बाद एयर इंडिया का निजीकरण हुआ है। ‘‘मुझे लगता है कि हमने अब प्रक्रिया से जुड़ी बाधाओं को दूर कर लिया है। और प्रक्रिया अब सुगम हुई है।’’

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में प्रक्रिया अधिक दुरुस्त और सुगम होगी।

सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। यह चालू वित्त वर्ष के लिये अनुमानित 78,000 करोड़ रुपये से कम है।

यह पूछे जाने पर कि बजट में मध्यम वर्ग को कर के मोर्चे पर कोई राहत नहीं मिली, कुमार ने कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय करीब 1.2 लाख रुपये है और आज देश में पांच लाख रुपये और उससे ऊपर की आय पर ही कर लगता है।

उन्होंने कहा कि कहीं भी कर योग्य आय प्रति व्यक्ति आय के ईर्द-गिर्द होती है। यह भी एक कारण है कि न्यूनतम कर योग्य आय स्तर को बढ़ाने की लगातार मांग सही नहीं है।

कुमार ने कहा, ‘‘जबतक हम प्रत्यक्ष कराधान का दायरा नहीं बढ़ाते, हम कर की दर कम करने की स्थिति में नहीं होंगे। साथ ही हमें ज्यादा से ज्यादा अप्रत्यक्ष कराधान पर निर्भर होना पड़ेगा जो अपेक्षाकृत अधिक प्रतिगामी है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि हर साल कर की दरों को बदलना एक अच्छी नीति नहीं है। यह एक स्थापित तथ्य है।

अमेरिका में केंद्रीय बैंक के ब्याज दर बढ़ाने की संभावना को लेकर भारत समेत उभरते बाजारों पर उसके प्रभाव के बारे में कुमार ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार और बाह्य स्थिति मजबूत है तथा ये चीजें अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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