नई दिल्ली: संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट में उद्योग के वित्तीय संकट पर चिंता जताई है. कंपनी ने कहा है कि उद्योग के टिकने के लिए इस संकट का हल जरूरी है. इसके साथ ही कंपनी ने उम्मीद जताई है कि सरकार क्षेत्र के सभी ‘संरचनात्मक मुद्दों’ को हल करने के लिए आवश्यक समर्थन उपलब्ध कराएगी.
कंपनी के चेयरमैन हिमांशु कपानिया ने शेयरधारकों को संबोधित पत्र में परिचालन में जारी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा है कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कीमतें बाजार में टिकने योग्य नहीं थीं. इसके अलावा अत्यधिक प्रतिस्पर्धा की भी चुनौती थी. कपानिया ने उम्मीद जताई कि सरकार उद्योग को भारी-भरकम निवेश पर उचित प्रतिफल के लिए समर्थन उपलब्ध कराएगी.
कुमार मंगलम बिड़ला द्वारा अगस्त की शुरुआत में इस्तीफा दिए जाने के बाद वीआईएल के निदेशक मंडल ने कपानिया को गैर कार्यकारी चेयरमैन चुना था. कपानिया ने कहा कि उद्योग लगातार वित्तीय संकट में है. ‘आपकी कंपनी को उम्मीद है कि सरकार उद्योग के समक्ष सभी संरचनात्मक मुद्दों के हल के लिए आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराएगी.’
उन्होंने कहा, ‘वीआईएल देश में 25 साल से मोबाइल सेवाएं उपलब्ध करा रही है. कंपनी को उम्मीद है कि सरकार उनके भारी-भरकम निवेश पर उचित रिटर्न के लिए समर्थन उपलब्ध कराएगी.’
कपानिया ने कहा कि 2020-21 में जरूरत से ज्यादा प्रतिस्पर्धा तथा गैर-टिकाऊ कीमतों की वजह से परिचालन का माहौल चुनौतीपूर्ण बना रहा.
उन्होंने कहा कि परिचालन की चुनौतियां तो कायम हैं, लेकिन डिजिटल पहुंच बढ़ने की वजह से दूरसंचार उद्योग के समक्ष जबर्दस्त अवसर हैं. महामारी के दौरान डिजिटल की मांग और बढ़ी है.
कपानिया ने कहा, ‘हमारा मानना है कि सरकार निजी क्षेत्र के ऑपरेटरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को कायम रखने के लिए कदम उठाएगी.’
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