नई दिल्लीः टेलिकॉम कंपनियों-रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) प्रमुख के साथ बैठक में ओटीटी फर्मों के लिए कानून बनाने की पुरजोर वकालत की.
सूत्रों ने बताया कि ट्राई ने भी बैठक में दूरसंचार कंपनियों को अवांछित कॉल को लेकर सेवा की गुणवत्ता (क्यूओएस) मानदंडों की आगामी समीक्षा और नियमों के बारे में बताया.
ट्राई ने 2023 का एजेंडा तैयार करने के लिए दूरसंचार परिचालकों और इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) के साथ बैठक तय की थी, जहां कंपनियों ने विभिन्न मुद्दे उठाए.
इस बैठक में एयरटेल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गोपाल विट्टल, वोडाफोन आइडिया के मुख्य नियामकीय और कॉरपोरेट मामलों के अधिकारी पी. बालाजी और रिलायंस जियो के बोर्ड सदस्य महेंद्र नाहटा ने भाग लिया.
बैठक की अध्यक्षता ट्राई प्रमुख पी. डी. वाघेला ने की.
बैठक में मौजूद सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार परिचालकों ने एकमत होकर ‘समान सेवा-समान कानून’ पर जोर दिया और कहा कि दूरसंचार कंपनियों के समान सेवाएं देने वाली ओटीटी कंपनियों पर भी वैसे ही नियम लागू होने चाहिए जैसे उन पर लागू हैं.
ओटीटी संचार सेवाओं में व्हॉट्सएप, सिग्नल, गूगल मीट, टेलीग्राम जैसी ऐप्स शामिल हैं. इस बीच, टेलिकॉम कंपनियों ने अपने लाइसेंस शुल्क जैसे करों में कमी करने की भी मांग की.
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियों को स्वदेशी उपकरण का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहन मिलना चाहिए.
संयोग से दूरसंचार नियामक सेवा की गुणवत्ता में सुधार, मानदंडों की समीक्षा, 5जी सेवाओं के लिए बेंचमार्क और अवांछित वाणिज्यिक संचार के उपायों और कार्ययोजना पर चर्चा करने के लिए 17 फरवरी को दूरसंचार कंपनियों से मिलेगा. बुधवार को हुई इस बैठक के बाद 17 फरवरी की बैठक का महत्व और बढ़ गया है.
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