नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि कोविड महामारी को देखते हुए केंद्रीय बजट में राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन स्वास्थ्य बीमा और कौशल विकास के लिए प्रोत्साहन जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विशेषज्ञों ने यह कहा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में पेश 2022-23 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये 86,200.65 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया। साथ ही ‘राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ की घोषणा की।
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये आवंटन 2021-22 के 73,931 करोड़ रुपये की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया) के महानिदेशक डा. गिरधर ज्ञानी ने कहा कि 23-मानसिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव विशेष रूप से कोविड मरीजों को देखते हुए उपयुक्त कदम है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये आवंटन के साथ पूंजीगत व्यय में वृद्धि से स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, ‘‘…बजट में नीतिगत मोर्चे पर स्थिरता को कायम रखा गया है। पूंजीगत व्यय बढ़ने से स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ कुल मिलाकर आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि विनिर्माण कंपनियों के लिये रियायती कर दर की व्यवस्था एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 करने से औषधि क्षेत्र में निवेश को समर्थन मिलेगा।
नर्चर आईवीएफ सेंटर की डॉ. अर्चना धवन बजाज ने कहा कि हालांकि सरकार ने डिजिटल स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया है, लेकिन स्वास्थ्य बीमा के लिए प्रोत्साहन, कौशल विकास और निजी क्षेत्र के लिए कर लाभ जैसे क्षेत्रों क्षेत्र पर पर्याप्त गौर नहीं किया।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेश को गति देने के लिये कर प्रोत्साहन जरूरी है।
रेनबो चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल के चेरयमैन एवं प्रबंध निदेशक डॉ. रमेश कंचरला ने कहा, ‘‘हम डिजिटल स्वास्थ्य परिवेश की घोषणा से खुश हैं। यह देश के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की ‘नेशनल रजिस्ट्री’ तैयार करने की दिशा में अहम कदम होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के कारण जिस तरह से मानसिक समस्याएं बढ़ी हैं, उसे देखते हुए नेशनल टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी एक स्वागत योग्य कदम है।’’
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रमण अजय
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