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Monday, 29 September, 2025
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टाटा कैपिटल का आईपीओ छह अक्टूबर को, मूल्य दायरा 310-326 रुपये प्रति शेयर

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नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी टाटा कैपिटल ने अपने बहुप्रतीक्षित 15,512 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए 310-326 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया है। यह अभी तक 2025 का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम है।

बोली के लिए शेयर की अधिकतम कीमत पर इस एनबीएफसी का मूल्यांकन लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपये है।

बयान के अनुसार, आरंभिक सार्वजनिक निर्गम छह अक्टूबर को अभिदान के लिए खुलेगा और आठ अक्टूबर को बंद होगा। बड़े (एंकर) निवेशक तीन अक्टूबर को बोली लगा पाएंगे।

कुल 47.58 करोड़ शेयर का आईपीओ 21 करोड़ के नए शेयर और 26.58 करोड़ शेयर की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन है।

टाटा कैपिटल में वर्तमान में टाटा संस की हिस्सेदारी 88.6 प्रतिशत जबकि आईएफसी की 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी के 13 अक्टूबर को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की संभावना है।

आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल कंपनी के टियर-1 (शेयर पूंजी) पूंजी आधार को मजबूत करने और उधारी सहित भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा।

टाटा कैपिटल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजीव सभरवाल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि एनबीएफसी लगभग 11 प्रतिशत की बाजार वृद्धि दर की तुलना में 17-18 प्रतिशत की उच्च दर से बढ़ रही हैं। इस कारण कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ रही है।

उन्होंने कहा, ”एनबीएफसी काफी नवोन्मेषी रही हैं। भौगोलिक विस्तार के साथ ही डिजिटल क्षमताओं का उपयोग करने, नए उत्पाद बनाने में भी काफी कुशल रही हैं, और इसी वजह से यह बाजार की समग्र वृद्धि दर की तुलना में काफी बेहतर गति से बढ़ रही हैं।”

यह आईपीओ भारत के वित्तीय क्षेत्र का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन जाएगा। नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के बाद यह हाल के वर्षों में टाटा समूह का दूसरा सार्वजनिक निर्गम होगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उच्च-स्तरीय एनबीएफसी के लिए सूचीबद्धता नियमों के तहत यह आईपीओ लाया जा रहा है, जिसके अनुसार कंपनी को तीन वर्षों के भीतर सूचीबद्ध करना जरूरी है। टाटा कैपिटल को सितंबर 2022 में उच्च-स्तरीय एनबीएफसी घोषित किया गया था।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उद्योग में एनपीए काफी कम होने, आरबीआई की नई नीतियों के कारण रेपो दर में कमी आने और नकदी में सुधार होने से एनबीएफसी को भी लाभ हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि वृद्धि के अवसर और भी बेहतर हुए हैं।

सभरवाल ने कहा, ”जीएसटी में कटौती सरकार की एक बहुत ही साहसिक पहल है और मुझे विश्वास है कि आने वाली कुछ तिमाहियों में जब हम वृद्धि की ओर बढ़ेंगे तो यह कदम बहुत सकारात्मक होगा।”

वाणिज्यिक वाहन बाजार का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह 10 लाख करोड़ रुपये का एक बड़ा बाजार है, जिसमें हर साल औसतन लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का वितरण होता है।

टाटा कैपिटल ऋण देने के अलावा बीमा और क्रेडिट कार्ड जैसे तृतीय-पक्ष उत्पादों का वितरण भी करती है, धन प्रबंधन सेवाएं देती है और निजी इक्विटी फंडों के लिए प्रायोजक और निवेश प्रबंधक के रूप में काम करती है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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