नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि वह कंपनी को कई अलग इकाइयों में बांटने से संबंधित प्रस्ताव पर केंद्र के साथ वार्ता जारी रखेगी।
यह बयान खान मंत्रालय द्वारा हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को अलग इकाइयों में बांटने का प्रस्ताव खारिज करने के बीच आया है।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड अपना बाजार पूंजीकरण बढ़ाने के लिए जिंक एवं चांदी समेत अपने कारोबारों को अलग इकाइयों में बांटने की योजना का ऐलान कर चुकी है।
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि यह मामला शुक्रवार को निदेशक मंडल की बैठक में भी चर्चा के लिए आया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने निदेशक मंडल को एक बार फिर स्थिति से अवगत कराया और सरकार के साथ वार्ता जारी रखने का वादा किया। मैं अपने तर्क को समझाने की कोशिश करूंगा कि हम ऐसा क्यों करना चाहते हैं।’’
हिंदुस्तान जिंक में सरकार सबसे बड़ी अल्पांश शेयरधारक है। उसके पास कंपनी में 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
मिश्रा ने कहा, ‘‘सरकार विभिन्न मार्गों से विनिवेश की प्रक्रिया में हैं और उसे लगता है कि इस समय कंपनी को अलग इकाइयों में बांटने से विनिवेश का अवसर खतरे में पड़ जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि कंपनी अभी भी प्रस्ताव पर खान मंत्रालय के साथ बातचीत कर रही है और कुछ मुद्दों का समाधान करने की कोशिश कर रही है।
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