मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों के दोनों मानक सूचकांक शुक्रवार को वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख और नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी के फैसले के बीच हल्की बढ़त लेकर बंद हुए।
कारोबारियों ने कहा कि पूंजी बाजारों में विदेशी पूंजी की आवक बनी रहने और कच्चे तेल के दाम में नरमी से भी सेंसेक्स और निफ्टी को समर्थन मिला।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 89.13 अंक यानी 0.15 प्रतिशत बढ़कर 58,387.93 अंक पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स में एक समय 350.39 अंक की तेजी भी दर्ज की गई थी। हालांकि, अंतिम घंटे में काफी उतार-चढ़ाव रहा लेकिन सेंसेक्स हल्की बढ़त बनाए रखने में सफल रहा।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 15.50 अंक यानी 0.09 प्रतिशत की हल्की बढ़त के साथ 17,397.50 अंक पर बंद हुआ।
बाजार की गतिविधियों पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से नीतिगत दर में वृद्धि की घोषणा का भी असर पड़ा। आरबीआई ने रेपो दर को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया है जो बीते तीन महीनों में की गई तीसरी बढ़ोतरी है। महामारी आने के पहले फरवरी, 2020 में रेपो दर 5.15 प्रतिशत थी।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह संकेत भी दिया कि ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। मुद्रास्फीति लगातार छह प्रतिशत के सुविधाजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है और उसपर काबू पाने के लिए आरबीआई तीन महीने में रेपो दर में कुल 1.40 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री एवं कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा मोटे तौर पर मान्य अपेक्षाओं के अनुरूप ही है।’’
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से अल्ट्राटेक सीमेंट सर्वाधिक 2.86 प्रतिशत की मजबूती पर रहा। आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, पावरग्रिड, इन्फोसिस, विप्रो और एक्सिस बैंक के भी शेयर बढ़त में रहे।
वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा को पहली तिमाही के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं होने से 2.04 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। मारुति सुजुकी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, एसबीआई और टाटा स्टील के शेयर भी घाटे में रहे।
सेंसेक्स में इस हफ्ते कुल 817.68 अंक यानी 1.42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं निफ्टी में इस दौरान 239.25 अंक यानी 1.39 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति का दबाव पीछे होने के बाद अब चीन एवं ताइवान के बीच के तनाव पर ध्यान बना रहेगा। इस इलाके में हालात बिगड़ने पर पूरी दुनिया में घबराहट फैल सकती है।’’
व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप 0.23 प्रतिशत की बढ़त पर रहा जबकि मिडकैप 0.09 प्रतिशत चढ़ा।
वैश्विक बाजारों का रुख मिला-जुला रहा। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए।
यूरोपीय बाजारों में दोपहर के सत्र में गिरावट देखी गई। एक दिन पहले बृहस्पतिवार को अमेरिकी बाजारों में मिला-जुला रुख देखने को मिला था।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.18 प्रतिशत चढ़कर 94.29 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती दर्ज की गई। रुपया 17 पैसे मजबूत होकर 79.23 रुपया प्रति डॉलर के (अस्थायी) भाव पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में खरीदारी का रुख बरकरार रखा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 1,474.77 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की।
भाषा प्रेम अजय
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