नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) इस्पात निर्माताओं को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और बढ़ते आयात को रोकने के उपाय किए जाएंगे।
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की घोषणा की थी।
टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”सरकार को बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने पर ध्यान जारी रखना चाहिए। उसे व्यापार करने की लागत और कारोबार सुगमता को और बेहतर बनाने पर भी काम करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि उद्योग यह भी उम्मीद करता है कि सरकार बढ़ते आयात को रोकने के लिए कुछ कदम उठाएगी क्योंकि भारत में इस्पात की ‘डंपिंग’ से कंपनियों की लाभप्रदता और इस्पात उद्योग की निवेश योजनाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के सीईओ दिलीप ओमन ने कहा कि उद्योग को उम्मीद है कि बजट आर्थिक विकास के लिए सरकार के निरंतर समर्पण को प्रतिबिंबित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम डंपिंग रोधी उपायों, कच्चे माल की सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के निवेश, प्रतिस्पर्धी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र, अनुसंधान एवं विकास प्रोत्साहन, निर्यात प्रोत्साहन, कौशल विकास और पर्यावरणीय स्थिरता जैसी निष्पक्ष व्यापार नीतियों पर अधिक ध्यान देने का आग्रह करते हैं।’’
प्राकृतिक गैस, कोकिंग कोयला, बिजली और लौह अयस्क जैसे प्रमुख आदान पर कराधान को युक्तिसंगत बनाने से भारतीय इस्पात उद्योग को अधिक टिकाऊ बनाने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण को आगे बढ़ाने से न केवल निवेश आकर्षित करने और नौकरियां पैदा करने का स्पष्ट लाभ मिलेगा, बल्कि लंबे समय में भारत चीन के एक व्यावहारिक विकल्प के रूप में उभरने के लिए विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जाएगा।
भाषा राजेश राजेश अजय
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