मुंबई, आठ फरवरी (भाषा) राज्यों के ऋण की लागत 0.41 प्रतिशत बढ़कर 7.24 प्रतिशत हो गई है। इसके चलते राज्यों को बांड निवेशकों को ऊंचे मूल्य का भुगतान करना होगा। राज्यों के ऋण की लागत ऐसे समय बढ़ी है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक बृहस्पतिवार को अपनी मौद्रिक नीति बैठक के नतीजों की घोषणा करने वाला है। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक रिवर्स रेपो दर में बढ़ोतरी कर नकदी की स्थिति को सख्त करने की शुरुआत करेगा।
राज्य विकास ऋणों (एसडीएल) की पिछले मंगलवार को नीलामी में राज्यों के ऋण की लागत 6.83 प्रतिशत थी।
राज्यों के ऋण की लागत मंगलवार को रिकॉर्ड 7.29 प्रतिशत पर पहुंच गई। मंगलवार को 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) पर प्रतिफल नरम होकर 6.81 प्रतिशत रह गया, जो इससे पिछले सप्ताह 6.83 प्रतिशत था।
ताजा नीलामियों में नौ राज्यों ने 14,200 करोड़ रुपये जुटाए जो पिछले सप्ताह के 27,500 करोड़ रुपये के सांकेतिक स्तर से 48 प्रतिशत कम है। 19 राज्यों ने शुरुआत में 12,300 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने का संकेत दिया था। लेकिन इनमें से 11 राज्य आज की नीलामी में शामिल नहीं हुए।
भाषा अजय अजय रमण
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