नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में अनैतिक व्यापारिक तरीकों पर लगाम लगाने के मकसद से इन मामलों के पुनरीक्षण के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने एवं दिशानिर्देश जारी करने का सुझाव दिया है।
इसके साथ ही कैग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को ऊंचे मूल्य वाले सौदों में हीरों के मूल्यांकन के लिए ग्रेड-आधारित ब्योरा दर्ज करने के लिए कर ऑडिट रिपोर्ट की संरचना में संशोधन पर गौर करने को कहा है।
सार्वजनिक लेखा परीक्षक ने रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के आकलन पर तैयार अपनी प्रदर्शन ऑडिट रिपोर्ट में ये सुझाव दिए हैं।
कैग ने बयान में कहा कि सीबीडीटी मौजूदा प्रावधानों के तहत नहीं आने वाले फर्जी खरीदारी और बढ़ा-चढ़ाकर बिल बनाने को अघोषित आय के रूप में दिखाने के लिए इन प्रावधानों का परीक्षण कर सकता है।
कैग ने कहा कि हीरे एवं सोने के आयात में लेनदेन की बड़ी रकम शामिल होने से यह क्षेत्र धन के शोधन एवं दुरुपयोग के लिए संवेदनशील हो जाता है। इस स्थिति में सीबीडीटी रत्न एवं आभूषण कारोबार से जुड़ी कंपनियों के कर आकलन के लिए विस्तृत मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार करने के बारे में सोच सकता है।
कैग के मुताबिक, सीबीडीटी को इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनी द्वारा तय सीमा से अधिक आयात एवं निर्यात लेनदेन का ब्योरा जुटाने के बारे में भी विचार करना चाहिए।
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