कोलकाता, 20 मार्च (भाषा) छोटे चाय उत्पादकों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल टी ग्रोअर्स एसोसिएशन (सीआईएसटीए) ने बाजार में कथित तौर पर खराब गुणवत्ता वाली चाय की बाढ़ पर चिंता व्यक्त की है और इस संबंध में चाय बोर्ड के हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
चाय बोर्ड के चेयरमैन ए एस भाटिया को लिखे एक पत्र में सीआईएसटीए के अध्यक्ष बिजॉय गोपाल चक्रवर्ती ने कहा कि चाय पीने के स्वास्थ्य लाभों पर केंद्रित एक सामान्य अभियान उन युवाओं के बीच खपत को बढ़ावा देने के लिए चलाया जाना चाहिए जो शीतल पेय और कॉफी पीने के लिए अधिक आकर्षित होते हैं।
एसोसिएशन ने पत्र में कहा, ‘‘हमने देखा है कि घरेलू बाजार में खराब गुणवत्ता वाली चाय की बाढ़ आ गई है और इन्हें बहुत कम कीमत पर बेचा जा रहा है। खराब गुणवत्ता वाली चाय का निर्माण और पैकेजिंग तुरंत बंद की जानी चाहिए।’’
सीआईएसटीए ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने चाय के सामान्य अभियान के लिए बजट बढ़ाया है जो समय की मांग है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘18 वर्ष से 22 वर्ष के आयु वर्ग के युवा चाय पीने से बहुत दूर हैं और शीतल पेय और कॉफी के प्रति अधिक आकर्षण रखते हैं। चाय की प्रति व्यक्ति घरेलू खपत बढ़ाने के लिए चाय पीने के स्वास्थ्य लाभ पर प्रकाश डालने वाले एक केंद्रित सामान्य अभियान की आवश्यकता है।’’
एसोसिएशन ने टी बोर्ड के अध्यक्ष को लिखे एक अन्य पत्र में कहा कि चूंकि हरी पत्ती (ग्रीन टी) की कीमत पिछले सात साल से लगभग स्थिर है और उत्पादन लागत बढ़ रही है, इसलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य या उचित मूल्य की आवश्यकता है।
सीआईएसटीए ने कहा, ‘‘अगर हरी पत्ती के लाभकारी मूल्य पर पहुंचने के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, तो छोटे चाय उत्पादक खुद को बनाए रखने में सक्षम नहीं होंगे।’’
छोटे चाय उत्पादक, देश के कुल उत्पादन में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.