मुंबई, पांच जनवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नियामकीय ‘सैंडबॉक्स’ योजना के तहत एचएसबीसी तथा क्रेडिटवॉच समेत छह संस्थानों को वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने/ कम करने के उद्देश्य के लिए अपने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) उत्पादों की जांच-परख करने की इजाजत दी गई है। ये संस्थान चौथे समूह का हिस्सा हैं।
नियामकीय सैंडबॉक्स से सामान्य तौर पर तात्पर्य नियंत्रित/परीक्षण वाले नियामकीय माहौल में नए उत्पादों और सेवाओं के सीधे परीक्षण से होता है। इसमें नियामक कुछ रियायतों की अनुमति भी दे सकता है।
नियामकीय सैंडबॉक्स के तहत आरबीआई ने चौथे समूह के खुलने की घोषणा जून, 2022 में की थी। इसके लिए उसे नौ आवेदन मिले जिनमें से छह प्रतिष्ठानों को ‘परीक्षण चरण’ के लिए चुना गया।
ये छह संस्थान हैं बहवान सायबरटेक, क्रेडिटवॉच इन्फॉर्मेशन एनालिटिक्स, एनस्टेज सॉफ्टवेयर (विबमो), विबमो के साथ सहयोग में एचएसबीसी, नैपआईडी साइबरसेक और ट्रस्टिंग सोशल।
चयनित संस्थान अपने उत्पादों का परीक्षण फरवरी में शुरू करेंगे।
यह व्यवस्था नियामक, नवोन्मेषक, वित्तीय सेवाप्रदाताओं और ग्राहकों को जमीनी परीक्षण की मंजूरी देती है जिससे वे नए वित्तीय उत्पादों के लाभों और उनसे जुड़े जोखिमों के साक्ष्य एकत्रित कर सकें।
भाषा
मानसी अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.