नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) सरकार द्वारा दवा उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही भारत के दवा और एंटीबायोटिक निर्यात ने अमेरिका में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी हासिल करना शुरू कर दिया है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत अमेरिका के लिए ‘खुदरा बिक्री के लिए रखी गई दवा’ का तीसरा सबसे बड़ा आयात स्रोत है। शीर्ष दो पर आयरलैंड और स्विट्जरलैंड हैं।
भारत ने 2023 में नौ अरब डॉलर मूल्य की इन दवाओं का निर्यात किया, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 7.33 अरब डॉलर था।
निर्यात में इस वृद्धि के साथ, भारत की हिस्सेदारी 2023 में बढ़कर 13.1 प्रतिशत हो गई, जो 2022 में 10.08 प्रतिशत थी। शीर्ष निर्यातक आयरलैंड की हिस्सेदारी 2022 में 17.18 प्रतिशत से घटकर 2023 में 13.85 प्रतिशत हो गई, क्योंकि अमेरिका में इसकी बिक्री 2022 में 12.5 अरब डॉलर से घटकर 2023 में 9.5 अरब डॉलर रह गई।
दूसरे सबसे बड़े निर्यातक स्विट्जरलैंड की हिस्सेदारी भी पिछले साल घटकर 13.7 प्रतिशत रह गई, जो 2022 में 17.4 प्रतिशत थी।
इसी तरह, भारत ने इतालवी बाजार में एंटीबायोटिक दवाओं के निर्यातकों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। भारत इस बाजार में 2022 में 0.96 प्रतिशत से 2023 में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 2.12 प्रतिशत करके वहां 10वें स्थान पर है।
भाषा अनुराग
अनुराग
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.