नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने चरणबद्ध तरीके से खुले बाजार सौदों के जरिये शेयर पुनर्खरीद व्यवस्था को समाप्त करने के साथ-साथ समय अवधि कम करने का प्रस्ताव किया है। मौजूदा शेयर पुनर्खरीद प्रणाली में खामियों को दूर करने के लिये यह कदम उठाया गया है।
साथ ही, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनियों के लिये अपने ‘फ्री रिजर्व’ यानी लाभांश के लिये उपलब्ध राशि से शेयर पुनर्खरीद को लेकर सीमा बढ़ाने, आमंत्रण आधार पर (टेंडर रूट) दो पुनर्खरीद के बीच अंतराल को कम करने और कराधान संबंधित कंपनियों के बजाय शेयर की पेशकश करने वाले शेयरधारकों पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया है।
ये प्रस्ताव सेबी के परामर्श पत्र का हिस्सा है। इसपर संबंधित पक्षों से एक दिसंबर तक सुझाव मांगे गये हैं।
सेबी के अनुसार, पुनर्खरीद प्रक्रिया के लिये समय अवधि को अप्रैल, 2023 से कम कर 66 दिन किया जा सकता है। फिर से अप्रैल, 2024 से कम कर 22 कामकाजी दिवस किया जा सकता है। अंतत:, पुनर्खरीद प्रस्ताव के लिये खुली बाजार पेशकश व्यवस्था अप्रैल, 2025 से समाप्त की जा सकती है।
नियामक ने कहा, ‘‘मौजूदा नियम के तहत वर्तमान में पुनर्खरीद पेशकश आने की तारीख से उसके बंद होने के लिये छह महीने की अवधि दी गयी है। इसके परिणामस्वरूप इस तरह की विस्तारित अवधि के दौरान संबंधित कंपनी के शेयरों में कृत्रिम मांग पैदा हो सकती है और शेयर का कारोबार जरूरत से अधिक मूल्य पर हो सकता है। एक विस्तारित पुनर्खरीद अवधि से कुशल मूल्य की खोज पर असर पड़ता है।’’
भाषा रमण अजय
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