मुंबई, 13 जून (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 1,457 अंक का गोता लगाकर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से बाजार में गिरावट आयी।
अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़कर चार दशक के उच्चस्तर पर पहुंचने के साथ फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) के नीतिगत दर में बड़ी वृद्धि की आशंका से बाजार नीचे आया। इसके अलावा अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के 78 प्रति डॉलर के स्तर के पार जाने से भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,456.74 अंक यानी 2.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,846.70 अंक पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 427.40 अंक यानी 2.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,774.40 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में इस गिरावट के साथ निवेशकों की पूंजी को सोमवार को 6.64 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 2,45,19,673.44 करोड़ रुपये पर आ गया।
सेंसेक्स के शेयरों में 7.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में बजाज फिनसर्व रही। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, एनटीपीसी, इन्फोसिस और एसबीआई भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
सेंसेक्स के तीस शेयरों में एकमात्र नेस्ले इंडिया 0.46 प्रतिशत लाभ में रही।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के शोध प्रमुख (खुदरा शोध) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख से घरेलू बाजार भी लुढ़का…कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव के बीच डॉलर के मुकाबले रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आने से भी बाजार पर असर पड़ा। अमेरिका में मुद्रास्फीति के चार दशक के रिकॉर्ड उच्चस्तर 8.6 प्रतिशत पर पहुंचने के साथ वैश्विक बाजारों में तेज बिकवाली हुई।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली जारी रहने से भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस सप्ताह मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले कमजोर वैश्विक रुख का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। बाजार को आज जारी होने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े की प्रतीक्षा है। अमेरिका में मुद्रास्फीति के बढ़ने से वहां नीतिगत दर में तेज वृद्धि की संभावना है। इससे दुनियाभर के शेयर बाजारों पर असर पड़ा।’’
इस बीच, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में घटकर 7.04 प्रतिशत पर आ गयी। हालांकि, यह पिछले लगातार पांच माह से भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट भारी नुकसान में रहा।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख था।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 120.75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 20 पैसे लुढ़ककर 78.13 (अस्थायी) पर आ गयी।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 3,973.95 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा रमण अजय
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