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Monday, 22 September, 2025
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वीजा मुद्दे को लेकर आईटी शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स 466 अंक टूटा, निफ्टी में भी गिरावट

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मुंबई, 22 सितंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों और रिलायंस इंडस्ट्रीज में बिकवाली से शेयर बाजार में सोमवार को गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 466 अंक लुढ़क गया, जबकि एनएसई निफ्टी में 125 अंक की गिरावट आई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर प्रति कर्मचारी करने के निर्णय से उत्पन्न चिंता के बीच आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया।

शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 466.26 अंक यानी 0.56 प्रतिशत टूटकर 82,159.97 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 628.94 अंक तक नीचे आ गया था।

पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 124.70 अंक यानी 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,202.35 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विस, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, ट्रेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में इटर्नल, बजाज फाइनेंस, अदाणी पोर्ट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिससे एच-1बी वीजा आवेदनों का शुल्क सालाना एक लाख अमेरिकी डॉलर तक बढ़ जाएगा।

नियोक्ता के आकार और अन्य लागत के आधार पर एच-1बी वीजा शुल्क अभी तक लगभग 2,000 से 5,000 अमेरिकी डॉलर तक था।

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का एच-1बी वीजा शुल्क केवल नए आवेदकों पर लागू होगा।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘एच-1बी वीजा की लागत में तेज वृद्धि के बीच घरेलू बाजार में गिरावट देखी गई, जिसका असर आईटी सूचकांक पर पड़ा। वहीं हाल की बढ़त के बाद मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में मुनाफावसूली हुई। जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने, सामान्य मानसून, कम ब्याज दरों और कर प्रोत्साहनों से उपभोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे मूल्यांकन और वृद्धि की संभावनाओं के बीच का अंतर कम होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में आय में सुधार की उम्मीद के साथ विदेशी निवेशक धीरे-धीरे खरीदार बन रहे हैं। उपभोग-केंद्रित क्षेत्रों के बाजार का ध्यान आकर्षित करने और उसे समर्थन मिलने की संभावना है।’’

मझोली कंपनियों से जुड़े बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.78 प्रतिशत और स्मॉलकैप में 0.71 प्रतिशत की गिरावट आई।

बीएसई में सूचीबद्ध शेयरों में 2,511 शेयरों में गिरावट रही जबकि 1,775 लाभ में रहे। वहीं 169 के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।

एशियाई बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट सकारात्मक दायरे में बंद हुए, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुआ।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.10 प्रतिशत टूटकर 66.61 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 390.74 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

सेंसेक्स शुक्रवार को 387.73 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 96.55 अंक की गिरावट आई थी।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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