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Sunday, 29 September, 2024
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‘आत्मनिर्भर भारत’ का मतलब बंद अर्थव्यवस्था नहीं : राजीव कुमार

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हैदराबाद, 15 मार्च (भाषा) नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का मतलब बंद अर्थव्यवस्था नहीं है और इस पहल से यह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में निजी निवेशक, सरकार, शिक्षा जगत और नागरिक समाज के बीच विश्वास पैदा करने की आवश्यकता है।

उन्होंने आईसीएफएआई फॉउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत: कार्यान्वयन में चुनौतियां’ विषय पर आयोजित 12वें स्थापना दिवस संगोष्ठि को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता, स्वयं सक्षम होने के समान नहीं है।

कुमार ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत का मतलब बंद अर्थव्यवस्था नहीं है। आत्मनिर्भरता और स्वयं में सक्षम होने में अंतर है। हमें बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि आत्मनिर्भर से हमारा मतलब वैश्विक स्तर पर एक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बनना और वैश्विक रुख से खुद को ज्यादा-से-ज्यादा जोड़ना है तथा दुनिया के लिये भारत में विनिर्माण करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विचार से आत्मनिर्भरता का मतलब वस्तुओं के वैश्विक प्रवाह और सेवा निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ाने से है। मुझे लगता है कि यह ऐसा समय है जब हम अपने आप को अगले 20 वर्षों में वैश्विक व्यापार में अपने हिस्से को चौगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखें।’’

कुमार ने कहा, ‘‘हमें यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि प्रौद्योगिकी और वित्त के वैश्विक प्रवाह में भी हमारी हिस्सेदारी बढ़े। तभी हम आत्मनिर्भर बनेंगे।’’

उन्होंने कहा कि नीति आयोग निजी क्षेत्रों पर अनुपालन बोझ को कम करने के लिये अलग-अलग राज्यों के साथ काम कर रहा है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती हमारे निजी निवेशकों को और सक्रिय बनाना है। साथ ही सरकार देश में निजी निवेश के लिए अनुकूल परिवेश तैयार करने वाला बने।

भाषा जतिन रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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