नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. (केएसबीएल) द्वारा अपने ग्राहकों की 2,300 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग को पकड़ने में ‘लापरवाही’ को लेकर बीएसई और एनएसई पर जुर्माना लगाया है।
सेबी ने इस बारे में दो अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। बीएसई पर तीन करोड़ रुपये और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
यह मामला केएसबीएल द्वारा 2,300 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग से संबंधित है। ये प्रतिभूतियां 95,000 से अधिक ग्राहकों से संबद्ध थीं। केएसबीएल ने इन प्रतिभूतियों को सिर्फ एक डीमैट खाते से गिरवी रख दिया था। प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर जुटाई गई राशि का इस्तेमाल केएसबीएल ने खुद के लिए और अपने समूह की इकाइयों के लिए किया।
केएसबीएल ने गिरवी रखी प्रतिभूतियों के जरिये आठ बैंक/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से 851.43 करोड़ रुपये जुटाए थे।
एक्सचेंजों द्वारा मंगलवार को जारी आदेश के अनुसार, ‘‘इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वह केएसबीएल थी जिसने अनधिकृत तरीके से ग्राहकों की प्रतिभूतियों को गिरवी रखा। ऐसे में नुकसान के लिए वह खुद जिम्मेदार थी। उसने ऐसी प्रतिभूतियों को गिरवी रखा जिनका स्वामित्व उसके पास नहीं था। इससे निवेशकों के साथ केएसबीएल को कर्ज देने वाले बैंकों और एनबीएफसी को नुकसान हुआ।’’
सेबी ने कहा कि केएसबीएल बीएसई और एनएसई की सदस्य होने की वजह एक्सचेंजों की नियामकीय निगरानी में थी। दोनों एक्सचेंजों ने केएसबीएल द्वारा कोष के दुरुपयोग को पकड़ने में ‘लापरवाही’ बरती। उसके लिए उनकी जिम्मेदारी बनती है।
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