नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सिनॉप्टिक्स टेक्नोलॉजीज और उसके प्रवर्तकों पर आईपीओ की राशि में कथित हेराफेरी के मामले में जांच पूरी होने तक प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कंपनी के प्रवर्तक जतिन शाह, जगमोहन मणिलाल शाह और जानवी जतिन शाह को भी सेबी ने प्रतिबंधित कर दिया है।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश सी वार्ष्णेय ने आदेश में कहा, ‘‘मैं… छह मई, 2025 के अंतरिम आदेश के माध्यम से जारी निर्देशों को बरकरार रखता हूं।’’
इस वर्ष मई में सेबी ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था और आईपीओ की आय की हेराफेरी के आरोपों के बाद सिनॉप्टिक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (एसटीएल) और उसके प्रवर्तकों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा, ‘जांच से पता चला है कि कंपनी (एसटीएल) और प्रमुख प्रबंधक एफओसीएल (फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल लिमिटेड) ने आईपीओ से जुटाई गई धनराशि को हड़पने की एक सुनियोजित योजना बनाई थी।’
जांच में यह पाया गया कि कंपनी ने ‘निर्गम प्रबंधन शुल्क, बिक्री कमीशन, रजिस्ट्रार शुल्क’ सहित अन्य आईपीओ संबंधित खर्चों के नाम पर लगभग 19 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए, जो कि कंपनी के दस्तावेजों में बताए गए 80 लाख रुपये से बहुत अधिक हैं। यह राशि सिनॉप्टिक्स द्वारा आईपीओ के जरिए जुटाई गई कुल राशि का करीब 54 प्रतिशत है।
आदेश के अनुसार, यह राशि 35.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के नए निर्गम के माध्यम से सिनॉप्टिक्स द्वारा जुटाई गई कुल आय का 54 प्रतिशत से अधिक और कुल निर्गम आकार (54.04 करोड़ रुपये) का 35 प्रतिशत है।
सेबी ने एफओसीएल को निर्देश दिया कि वह नियामक के अगले निर्देश तक प्रतिभूति बाजार में मर्चेंट बैंकिंग गतिविधियों से संबंधित कोई भी नया कार्य न करे।
यह अंतरिम आदेश सेबी द्वारा आईपीओ बंद होने के बाद बोली प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली शिकायतें प्राप्त होने पर मामले की जांच के बाद आया।
भाषा योगेश रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.