नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लि. (डीसीएचएल) के प्रवर्तकों को प्रतिभूति बाजार से एक से दो साल के लिये प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही विभिन्न नियमों के उल्लंघन को लेकर 8.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
कंपनी के प्रवर्तकों के खिलाफ मंगलवार को जारी आदेश धोखाधड़ी गतिविधियों, वित्त वर्ष 2008-09 से 2011-12 के दौरान वित्तीय लेखे-जोखे में डीसीएचएल के कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने के मामलों से संबद्ध है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डीसीएचएल पर चार करोड़ रुपये, टी वेंकटरम रेड्डी, टी विनायक रेड्डी पर 1.30-1.30 करोड़ रुपये, एन कृष्णन पर 20 लाख रुपये और वी शंकर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
सेबी ने कहा, ‘‘टी वेंकटरम रेड्डी, टी विनायक रवि रेड्डी, पी के अय्यर, एन कृष्णन और वी शंकर को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित किया जाता है। उन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रतिभूतियों की खरीद, बिकवाली और प्रतिभूतियों में किसी भी प्रकार के लेन-देन को लेकर पाबंदी लगायी जाती है…यह पाबंदी एक साल से दो साल के लिये है।’’
इससे पहले, नियामक ने अक्टूबर, 2011 से दिसंबर, 2012 के दौरान मामले की जांच की थी। जांच में धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार गतिविधियां निरोधक (पीएफयूटीपी) नियमों और भेदिया कारोबार नियमन के उल्लंघन की बात सामने आयी थी।
जांच में पाया गया कि डीसीएचएल ने वित्त वर्ष 2008-09 से 2010-11 के दौरान कंपनी के बही-खातों में कर्ज राशि, ब्याज भुगतान की सही जानकारी नहीं दी। और इस प्रकार से कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में निवेशकों और शेयरधारकों को गुमराह किया।
साथ ही वेंकटराम रेड्डी, रवि रेड्डी और अय्यर ने वित्तीय संस्थानों के पास गिरवी संबंधी समझौतों आदि के बारे में भी जानकारी नहीं दी और इस तरह वे विभिन्न नियमनों का पालन करने में विफल रहे।
डेक्कन क्रॉनिकल और उसके प्रवर्तकों ने शेयरों की पुनर्खरीद की वजह से अपनी हिस्सेदारी बढ़ने के बारे में भी निवेशकों को अंधेरे में रखा।
भाषा रमण अजय
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