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Saturday, 16 August, 2025
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डीएचएफएल मामले में सेबी ने कपिल वधावन, पांच अन्य पर प्रतिबंध, 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

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नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, पूर्व निदेशक धीरज वधावन और चार अन्य को प्रतिभूति बाजार से पांच साल तक के लिए प्रतिबंधित करने के साथ ही उन पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

प्रतिबंधित किए गए सभी लोगों पर कोष की हेराफेरी करने और खातों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप हैं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से प्रतिबंधित लोगों में गैर-कार्यकारी चेयरमैन राकेश वधावन, पूर्व गैर-कार्यकारी निदेशक सारंग वधावन, संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हर्षिल मेहता और पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी संतोष शर्मा भी शामिल हैं।

इन सभी लोगों को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में किसी भी अहम पद पर नियुक्त होने से भी रोक दिया गया है।

सेबी की 181 पन्नों की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि डीएचएफएल और उसके प्रवर्तकों ने वर्ष 2006 से ‘बांद्रा बुक एंटिटीज’ (बीबीई) नाम की कंपनियों को कुल 14,040.50 करोड़ रुपये के बिना गारंटी वाले ऋण दिए, जबकि इनके पास न संपत्ति थी और न ही वे कोई कारोबार करती थीं। ये सभी कंपनियां सीधे या परोक्ष रूप से कपिल, धीरज, राकेश और सारंग से जुड़ी हुई थीं।

सेबी ने कहा कि इन ऋणों को फर्जी तरीके से खुदरा आवास कर्ज के रूप में दर्ज किया गया। इसके लिए एक नकली ‘बांद्रा शाखा’ बनाई गई और बंद हो चुके ऋण खातों एवं तीन अलग लेखा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई।

सेबी के मुताबिक, कपिल एवं धीरज वधावन इस धोखाधड़ी के मुख्य सूत्रधार थे, जबकि राकेश और सारंग भी इसमें शामिल थे।

जांच में पता चला कि 39 बीबीई कंपनियों को डीएचएफएल ने 5,662.44 करोड़ रुपये के ऋण दिए थे जिनमें से 40 प्रतिशत रकम प्रवर्तकों से जुड़ी अन्य 48 इकाइयों को भेज दी गई।

सेबी ने कपिल एवं धीरज को प्रतिभूति बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया है जबकि राकेश एवं सारंग पर चार साल और मेहता एवं शर्मा पर तीन साल की रोक लगाई गई है।

इसके साथ ही बाजार नियामक ने कपिल एवं धीरज पर 27-27 करोड़, राकेश एवं सारंग पर 20.75-20.75 करोड़, मेहता पर 11.75 करोड़ और शर्मा पर 12.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इस तरह कुल 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

सेबी ने इस मामले में सितंबर, 2020 में अंतरिम आदेश जारी किया था और आरोपियों पर कई तरह की बंदिशें लगाई थीं।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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