मुंबई, सात अक्टूबर (भाषा) भारत में अगले साल वेतन वृद्धि नौ प्रतिशत तक रहने की संभावना है, जो इस साल हुई 8.9 प्रतिशत की औसत वृद्धि से थोड़ा अधिक है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।
रिपोर्ट कहती है कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि अनिश्चितताओं के बावजूद वेतन वृद्धि का यह रुझान मजबूत घरेलू खपत, निवेश और नीतिगत समर्थन के चलते बना रहेगा।
वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी एऑन की सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2026 में औसत वेतन वृद्धि नौ प्रतिशत रहने का अनुमान है लेकिन उद्योगों के हिसाब से वृद्धि अलग-अलग होगी।
अगले साल रियल एस्टेट/ ढांचागत क्षेत्र में सर्वाधिक 10.9 प्रतिशत और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) में 10 प्रतिशत की वेतन बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
इसके साथ वाहन निर्माण में 9.6 प्रतिशत, इंजीनियरिंग डिजाइन सेवाओं में 9.7 प्रतिशत और खुदरा एवं जीवन-विज्ञान क्षेत्रों में 9.6 प्रतिशत की वेतन वृद्धि अपेक्षित है।
एऑन इंडिया में साझेदार रूपांक चौधरी ने कहा, “भारत की वृद्धि गाथा मजबूत बनी हुई है और उसे ढांचागत निवेश एवं नीतिगत उपायों का समर्थन है। रियल एस्टेट और एनबीएफसी जैसे क्षेत्रों में प्रतिभा में निवेश के साथ कंपनियां रणनीतिक दृष्टिकोण से वेतन प्रबंधन कर रही हैं ताकि स्थायी वृद्धि और कार्यबल की स्थिरता बनी रहे।”
सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि नौकरी छोड़ने की कुल दर 2025 में 17.1 प्रतिशत तक घट गई, जबकि 2024 में यह 17.7 प्रतिशत और 2023 में 18.7 प्रतिशत थी।
यह गिरावट संकेत देती है कि प्रतिभा का परिदृश्य अधिक स्थिर हो रहा है और कंपनियों को लक्षित कौशल विकास कार्यक्रमों में निवेश करने का अवसर मिल रहा है।
एऑन का मानना है कि इस नजरिये से कंपनियां मजबूत प्रतिभा पाइपलाइन तैयार कर सकती हैं और भविष्य की व्यावसायिक जरूरतों के लिए तैयार रह सकती हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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