नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) सऊदी अरब को पछाड़कर रूस अब भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है। इराक सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है।
उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि यूक्रेन युद्ध के बाद भारी छूट पर उपलब्ध रूसी कच्चे तेल को देश की रिफाइनिंग कंपनियों ने खरीदना शुरू कर दिया है।
भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों ने मई में लगभग 2.5 करोड़ बैरल रूसी कच्चा तेल खरीदा था। यह भारत के कुल कच्चा तेल आयात का 16 प्रतिशत बैठता है।
अप्रैल में पहली बार भारत के समुद्र के रास्ते कुल कच्चा तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत पर पहुंची थी। आंकड़ों के अनुसार, पूरे बीते साल यानी 2021 और 2022 की पहली तिमाही में यह एक प्रतिशत से भी कम थी।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन पर हमले के आदेश के बाद भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद के अपने रुख का काफी समय से बचाव किया है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था, ‘‘भारत की कुल खपत की तुलना में रूस से ऊर्जा खरीद बहुत कम है।’’
इराक मई में भारत का शीर्ष आपूर्तिकर्ता देश बना रहा और सऊदी अरब अब तीसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
भारत ने ऐसे समय में रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाने के लिए ‘छूट’ का लाभ उठाया है जब वैश्विक ऊर्जा की कीमतें बढ़ रही हैं।
अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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