मुंबई, 24 मार्च (भाषा) कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को रुपया कारोबार के अंत में छह पैसे की बढ़त के साथ 76.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। निवेशक किसी निर्णायक दिशा में बढ़ने से पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर रहे हैं।
बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख तथा विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से रुपये की तेजी पर अंकुश लग गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76.37 पर मामूली तेज खुला। कारोबार के दौरान रुपये ने 76.24 रुपये के दिन के उच्चस्तर और 76.41 के निचले स्तर को छुआ। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले छह पैसे की तेजी दर्शाता 76.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च विभाग की उपाध्यक्ष, सुगंधा सचदेवा ने कहा, ‘‘भारतीय रुपया विभिन्न संकेतों से प्रभावित हो रहा है जिनमें प्रमुख है- घटते भंडार के कारण कच्चा तेल की कीमतों में भारी तेजी, तूफान के कारण आपूर्ति में व्यवधान और रूस पर और प्रतिबंधों की संभावना।’’
सचदेवा ने कहा कि इसके अलावा वर्ष 2022 के दौरान ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की संभावना और भू-राजनीतिक संकट के कारण बनी अनिश्चितता से भी रुपये रुपये की धारणा प्रभावित हो रही है।
इस बीच, छह प्रमुख मु्द्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत बढ़कर 98.79 हो गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.12 प्रतिशत घटकर 121.45 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 89.14 अंक की गिरावट के साथ 57,595.68 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल बने हुए हैं। उन्होंने बुधवार को 481.33 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
भाषा राजेश राजेश अजय
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