मुंबई, 24 अक्टूबर (भाषा) भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर आशावादी रुख और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से शुक्रवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 10 पैसे मजबूत होकर 87.78 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) पर पहुंच गया।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के एक बार फिर बिकवाल हो जाने, विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती और घरेलू शेयर बाजारों में कमजोर धारणा ने रुपये में तेज बढ़त को सीमित कर दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 87.78 पर खुला और 87.63-87.85 के दायरे में कारोबार करने के बाद 87.78 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 10 पैसे अधिक है।
बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया पांच पैसे बढ़कर 87.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के चलते रुपया सकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहा है। हमें उम्मीद है कि इस आशावादिता और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह के बीच जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ने से रुपया सकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। भू-राजनीतिक तनाव कम होने से भी रुपये को समर्थन मिल सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले निवेशक सतर्क हैं। डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 87.45 रुपये से 88.10 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।’’
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत बढ़कर 99.03 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल मानकब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65.92 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
घरेलू शेयर बाजार में, सेंसेक्स 344.52 अंक गिरकर 84,211.88 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 96.25 अंक गिरकर 25,795.15 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 1,165.94 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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