मुंबई, दो मार्च (भाषा) रूस और यूक्रेन के बीच संकट गहराने और इसके कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 47 पैसे फिसलकर 75.80 पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि निरंतर विदेशी कोष की निकासी, घरेलू शेयर बाजार में कमजोर रुख और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 75.78 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला। बाद में और नीचे आते हुए 75.86 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंत में रुपया 47 पैसे टूटकर 75.80 के स्तर पर बंद हुआ।
इससे पहले सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 75.33 पर बंद हुआ था। मंगलवार को शिवरात्रि के अवसर पर मुद्रा विनिमय बाजार बंद था।
इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 97.60 पर पहुंच गया।
वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 5.71 प्रतिशत बढ़कर 110.96 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गयी।
वही 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 778.38 अंक लुढ़क कर 55,468.90 और एनएसई निफ्टी 187.95 अंक टूटकर 16,605.95 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 3,948.47 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में विदेशी मुद्रा और बुलियन विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘शुरुआती सत्रों में रुपया गिर गया। बाद में इसमें एक संकीर्ण दायरे में सुधार देखा गया। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे भू-राजनीतिक तनाव के बाद बाजार प्रतिभागियों ने सतर्क रुख अपनाया।
वही पश्चिमी देशों द्वारा रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूसी मुद्रा रूबल में भारी गिरावट आई है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विशेषज्ञ श्रीराम अय्यर के अनुसार कच्चे तेल की कीमतें कई साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई और इसके कारण डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट आई है। इससे देश की वृद्धि और मुद्रास्फीति परिदृश्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
भाषा जतिन रमण
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